सिरोही

Sirohi News: 51 शक्तिपीठों में एक अर्बुदा देवी और दुनिया के सबसे अनोखे शिव मंदिर का होगा कायाकल्प, मिली बड़ी सौगात

Sirohi News: राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने बताया कि परिवर्तित बजट में माउंट आबू के दोनों प्राचीन मंदिरों को विकास और जावाल व सोरडा के पशु चिकित्सालयों को प्रथम श्रेणी में क्रमोन्नत किया है।

3 min read
Jul 23, 2024

Sirohi News: पर्यटन स्थल माउंट आबू में कई वर्षों से किवास की बाट जोह रहे 51 शक्तिपीठों में एक प्राचीन अर्बुदा देवी मंदिर और पौराणिक कालीन अचलेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए सरकार की ओर से विकास कार्य कराए जाएंगे। इसको लेकर कार्ययोजना तैयार की जाएगी। हाल ही विधानसभा के परिवर्तित बजट में हजारों लोगों की आस्था के केन्द्र दोनों प्राचीन मंदिरों के विकास के लिए स्वीकृति मिली है। इस स्वीकृति से क्षेत्र के लोगों में खुशी है। इसके अलावा परिवर्तित बजट में सिरोही जिले के जावाल और सोरडा रेवदर के पशु चिकित्सालयों को भी प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयों में क्रमोन्नत किया गया है। इससे क्षेत्र के पशुपालकों को अपने पशुओं को क्षेत्र में ही बेहतर उपचार की सुविधा मिल सकेगी।

51 शक्तिपीठों में एक है अर्बुदा देवी

पर्यटन स्थल माउंट आबू के प्राचीन मंदिरों, देवालयों, तपस्थलियों के कारण धार्मिक जगत में अपनी अलग पहचान है। देश की 51 शक्तिपीठों में से एक आबू के पहाड़ों के मध्य गुफा में विराजित कात्यायनी मां अधर देवी मंदिर है। यहां वर्षभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। वर्ष के चारों नवरात्रों पर यहां अखण्ड चंडी पाठ, नवचंडी यज्ञ, अक्षय तृतीया पर वार्षिकोत्सव, चौत्रीय पूनम पर ध्वजा दंड समेत विभिन्न महोत्सवों का आयोजन होता है। 370 सीढ़ियां चढ़कर श्रद्धालु आस्था स्थल अधरदेवी के दर्शन करते हैं। कहा जाता है कि दर्शनार्थी जब तक अर्बुदा देवी मंदिर के दर्शन नहीं कर लेते, तब तक उनका तीर्थ पूरा नहीं माना जाता। मंदिर पहुंचने के लिए मार्ग दुर्गम होने से कई उम्रदराज श्रद्धालु मंदिर में धोक देने की तीव्र इच्छा से वंचित रह जाते हैं, जिसके लिए मार्ग के विकास के साथ रोप-वे की निहायत जरूरत है। अब इस प्राचीन मंदिर में विकास कार्य होंगे, ताकि श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके।

दुनिया का एकमात्र मंदिर, जहां होती है शिव के अंगूठे की पूजा

पर्यटन स्थल माउंट आबू शहर से करीब ग्यारह किलोमीटर की दूरी पर पौराणिक काल से लेकर अर्वाचीन तक श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र अचलेश्वर महादेव मंदिर दुनियाभर में एकमात्र मंदिर है, जहां भगवान शिव के अंगूठे की पूजा की जाती है। यही वजह है कि इस मंदिर की महत्ता अन्य मंदिरों से अलग है। इस मंदिर का भी विकास होगा। परिवर्तित बजट में इस मंदिर के विकास की भी स्वीकृति प्रदान की है।

अचलगढ़ का भी हो जीर्णोद्धार

क्षेत्र के लोगों ने बताया कि अचलेश्वर महादेव मंदिर से सटा हुआ ऐतिहासिक अचलगढ़ दुर्ग है। जो आज दयनीय दशा में अपने विकास की बाट जोह रहा है। दुर्ग के प्रवेश द्वार से ही दुर्ग के अवशेष बताते हैं कि इमारत कभी बुलंद थी। इतिहासकारों के मुताबिक अचलगढ़ दुर्ग का निर्माण संवत 900 के लगभग आबू के तत्कालीन शासक परमार वंशजों ने करवाया था। गणेश व हनुमान पोल नाम से दुर्ग के दो प्रमुख प्रवेश द्वार हैं। रखरखाव के अभाव में इसकी हालत जर्जर हो गई है।

जावाल और सोरडा में होंगे प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय

प्रदेश की भजनलाल सरकार ने परिवर्तित बजट में जिले के जावाल और रेवदर के सोरडा में पशु चिकित्सालयों को प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया है। क्रमोन्नत होने से पशु चिकित्सालयों में संसाधन और स्टाफ की बढ़ोतरी होगी। इससे दोनों क्षेत्र के पशुपालकों को राहत मिलेगी। पहले पशु चिकित्सालय होने से पशुओं के उपचार के संसाधन कम थे, अब प्रथम श्रेणी में संसाधन बढ़ने से पशुपालकों को अपने पशुओं के यहीं पर बेहतर उपचार की सुविधा मिलेगी। इससे पशुपालकों में खुशी है।

Also Read
View All

अगली खबर