
Sawan 2024: श्रावण मास की शुरुआत को लेकर बहुत से लोगों के मन से भ्रम है कि सावन की शुरुआत 21 जुलाई को हो रही है या 22 जुलाई को। आपको बता दें कि इस साल श्रावण मास की शुरुआत 22 जुलाई 2024 को हो रही है, वहीं श्रावण मास की पूर्णिमा 19 अगस्त 2024 को होगी। अब अगर बात की जाए 21 जुलाई की तो इस दिन आषाढ़ मास की पूर्णिमा है। 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाया जा रहा है।
पत्रिका टीम लगातार आपको सावन और शिव मंदिरों से जुड़ी जानकारी दे रही है। आज हम आपको बताने जा रहे है शिवजी के ऐसे मंदिर के बारे में। जहां शिव लिंग नहीं अंगूठा पूजा जाता हैं।
राजस्थान के अचलगढ़ किले में स्थित अचलेश्वर महादेव का मंदिर एक विशेष पूजा पद्धति के लिए जाना जाता है। यहां शिवलिंग की पूजा के बजाय भोलेनाथ के अंगूठे की पूजा की जाती है। इस अनोखे मंदिर के गर्भगृह में अंगूठे के नीचे एक रहस्यमय पातालकुंड है। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि इस अंगूठे पर किए गए अभिषेक का पानी कहां चला जाता है, इसका रहस्य आज तक सुलझाया नहीं जा सका है।
माउंट आबू में भगवान शिव के 108 मंदिरों में से एक है अचलेश्वर महादेव मंदिर, जो अपनी अनोखी विशेषताओं के कारण विश्वभर में प्रसिद्ध है। माउंट आबू को पुराणों में अर्द्ध काशी भी कहा जाता है, और अचलेश्वर मंदिर इस मान्यता को और भी विशेष बनाता है।
अचलेश्वर महादेव मंदिर की सबसे प्रमुख विशेषता यह है कि यहां शिवलिंग की पूजा नहीं होती, बल्कि भगवान शिव के पैर के अंगूठे की पूजा की जाती है। मान्यता है कि भगवान शिव का यह अंगूठा माउंट आबू के पहाड़ को स्थिर रखने में मदद करता है।
मंदिर का शिवलिंग एक अद्भुत रहस्य को समेटे हुए है। यह दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। सुबह इसका रंग लाल होता है, दोपहर को केसरिया में बदल जाता है, और रात होते ही यह श्याम रंग का हो जाता है। इस रहस्यमय परिवर्तन को देखने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहती हैं।
मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव के पैर के अंगूठे का निशान आज भी विद्यमान है। मान्यता है कि यही अंगूठा माउंट आबू के पहाड़ को थामे हुए है। यदि कभी यह निशान गायब हो जाए, तो माउंट आबू का पहाड़ भी समाप्त हो जाएगा।
मंदिर में एक भव्य पंचधातु की नंदी की मूर्ति स्थापित है, जिसका वजन चार टन है। अचलेश्वर महादेव मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसके अद्भुत विशेषताओं और स्थापत्य कला के कारण यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर भी है।
Updated on:
21 Jul 2024 02:37 pm
Published on:
21 Jul 2024 02:36 pm
बड़ी खबरें
View Allसिरोही
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
