Sitapur Murder Case: यूपी के सीतापुर जिले में दो दिन पहले पांच लोगों की हत्या और सुसाइड की गुत्थी सुलझने की बजाय उलझ गई है। मृतक प्रियंका के भाई के बयान से जहां पुलिस चकरा गई। वहीं छह शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने भी अफसरों को चौंका दिया है। आइए जानते हैं।
Sitapur Murder Case: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के थाना रामपुर के पालापुर गांव में 11 मई को हुईं पांच हत्याओं और एक सुसाइड केस में पुलिस उलझ गई है। इस केस में मृतक प्रियंका के भाई ने अपने बहनोई अनुराग के छोटे भाई अजीत के खिलाफ पुलिस को बयान दिया है। जबकि छह शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने भी पुलिस अफसरों को चौंका दिया है। अगर हम पीएम रिपोर्ट और मृतक प्रियंका के भाई के बयान पर गौर करें तो काफी बातें मिलती हैं। दूसरी ओर इस केस को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कोई इसे मर्डर बता रहा है, तो कोई मर्डर करने के बाद सुसाइड। हालांकि पुलिस इस मामले की जांच में गहनता से जुटी है।
दरअसल, सीतापुर जिले के रामपुर थानाक्षेत्र के गांव पालापुर में शनिवार सुबह अनुराग (45) की उसके कमरे में लाश मिली थी। बताया गया कि मां सावित्री सिंह (62) और पत्नी प्रियंका (40) को गोली मारने के बाद अनुराग ने उनका सिर हथौड़े से कूच दिया। फिर तीनों बच्चों अरना (12), अरवी (7), आद्विक (8) को छत से फेंक दिया।
उसके बाद खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया। इसी बीच परिवार के 6 लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी सामने आ गई। इसमें अनुराग के सिर में दो गन शॉट के निशान मिले। पत्नी प्रियंका और बड़ी बेटी अरना को भी गोली लगने की बात सामने आई।
प्रियंका के भाई ने इस मामले में पुलिस को शिकायत दी। उसने अनुराग के छोटे भाई अजीत पर हत्या का आरोप लगाया। पुलिस भी अब इस मामले की हत्या के एंगल से जांच कर रही है। प्रियंका के भाई के मुताबिक, मृतक अनुराग गांव में रहकर 100 बीघा जमीन पर खेती करता था। पत्नी प्रियंका लखनऊ में एक इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करती थी। वह तीनों बच्चों को लेकर अलीगंज में सरगम कॉम्प्लेक्स में रहती थी। उसके तीनों बच्चे CMS की अलीगंज ब्रांच में पढ़ते थे। शुक्रवार सुबह प्रियंका बच्चों को लेकर गांव पहुंची थी। शनिवार सुबह घर में सभी की लाशें मिली थीं।
सीतापुर में छह हत्याओं सूचना से लखनऊ तक हड़कंप मचा। रविवार को मृतक प्रियंका के भाई अंकित ने लखनऊ से सीतापुर पहुंचकर पुलिस को तहरीर दी। इसमें अंकित ने बताया "मैं अंकित कुमार लखनऊ के गोमतीनगर में रहता हूं। शनिवार सुबह 6 बजे मेरे पास फोन आया कि मेरी बहन प्रियंका, जीजा अनुराग, बड़ी भांजी आरना सिंह, छोटी भांजी आशवी, भांजे आद्विक और बहन की सास की हत्या हो गई है। मेरा भांजा और छोटी भांजी मौका-ए-वारदात पर करीब 45 मिनट तक तड़पते रहे। लेकिन, बहन के देवर अजीत ने बच्चों को अस्पताल ले जाने के लिए अपनी गाड़ी नहीं दी। गांव के ही एक शख्स घर से दूसरी गाड़ी की चाबी लेकर आए और दोनों बच्चों को अस्पताल पहुंचाया। लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।"
अंकित ने तहरीर में आगे बताया "इस पूरी घटना को योजना बनाकर अंजाम दिया गया। दोनों बच्चों के भी मरने का इंतजार किया गया। मेरी बहन के ससुर की एक साल पहले ही मौत हो चुकी है। उसके बाद से इन लोगों का अजीत से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद चल रहा था। मुझे पूरा यकीन है कि इन सबके पीछे प्रॉपर्टी को हथियाने के लिए अजीत ने अपने साथियों के साथ मिलकर योजना बनाकर पूरी घटना को अंजाम दिया। दो महीने पहले बहन प्रियंका ने मुझे बताया था, देवर अजीत हम लोगों को मारने की साजिश रच रहे हैं। मेरा निवेदन है कि आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़कर सभी पर सख्त कार्रवाई की जाए।"
प्रियंका के भाई अंकित ने बताया "बहनोई अनुराग के सिर में दो गोली लगी हैं। उनके माथे पर हथौड़े से भी मारा गया। प्रियंका के सिर पर 1 गोली लगी। उसके चेहरे पर हथौड़े से दो बार हमला किया गया। माथे पर गहरा घाव मिला। बहन की सास सावित्री के माथे पर दो बार हथौड़े से वार किया गया। तेज हमले की वजह से सावित्री सिंह का माथा आगे से पूरा खुल गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में तीनों बच्चों के पैर टूटे मिले। उनके हाथ में भी माइनर फ्रैक्चर है। बड़ी भांजी के गले में गोली लगी है, जो सिर से बाहर निकल गई।
अंकित का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी भांजी के माथे पर हथौड़ा मारने का एक निशान भी है। छोटी भांजी और भांजे के सिर पर हथौड़े से 2-3 बार तेज हमला किया गया। छोटी भांजी के सिर पर पीछे भी मारा गया। पीछे से उसका पूरा सिर खुला था। भांजे का माथा भी पूरा खुला था। उसके चेहरे पर भी हमला किया गया। बच्चों के शरीर पर चोट के भी कई निशान मिले।" पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद प्रियंका के भाई ने यह सवाल भी उठाया कि कोई आदमी खुद को 2 गोली मारकर कैसे सुसाइड कर सकता है? साथ ही सिर पर हथौड़े के निशान कैसे आए?
घटना वाली रात घर में अनुराग का छोटा भाई अजीत मौजूद था। पुलिस पूछताछ में उसने बताया "मैं रात में घर लौटा, इनके घर में झगड़ा चल रहा था। तेज-तेज चिल्लाने की आवाजें आ रहीथीं। पूरी रात झगड़ा चला। हम लोग तो सो गए। सुबह जब उठे, तो मर्डर के बारे में पता चला। अनुराग कई साल से नशा करते आ रहे हैं। इनका आपस में झगड़ा होता रहता था। जब कभी हमने बचाव किया, तो हमसे भी लड़ गए। पिताजी भी इसी गम में चले गए। मुझे लगता है ये काफी फ्रस्टेशन में थे।"
अजीत ने पुलिस को आगे बताया "अनुराग को शायद लगता था, वो कुछ नहीं कर पा रहे। अनुराग ने सिविल सर्विस की काफी तैयारी की। 6 साल इलाहाबाद में रहे थे, फिर 2 साल दिल्ली में भी रहे। भाभी नौकरी कर रही थी, लेकिन इन्होंने नौकरी नहीं की। खेती में कभी फायदा, तो कभी नुकसान होता था। इनकी परेशानी को देखकर पापा कहते थे हम अभी हैं, जो खर्चा लगेगा हम देंगे। शायद इनको ये लगता था कि पत्नी कमा रही है, खर्च कर रही है। हम कुछ नहीं कर पा रहे। फिर भाभी लखनऊ जाकर रहने लगी। ये यहीं रहते थे। हो सकता है, अकेलापन हो। वह आती-जाती रहती थी।" दूसरी ओर अनुराग और प्रियंका के करीबियों का कहना है कि दोनों के रिश्ते काफी अच्छे थे। दोनों में बहुत अच्छी बनती भी थी।