
सीतापुर में कंबल वितरण बना विवाद का कारण: भाजपा विधायक और एसडीएम आमने-सामने (फोटो सोर्स : WhatsApp News Group)
UP Blanket Distribution Row: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में कंबल वितरण कार्यक्रम उस समय विवाद का केंद्र बन गया, जब भाजपा विधायक शशांक त्रिवेदी और महोली के एसडीएम देवेंद्र कुमार मिश्रा के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि विधायक ने जिलाधिकारी राजा गणपति आर. को फोन कर एसडीएम को तुरंत मौके पर भेजने की मांग की और गुस्से में आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया। यह पूरा घटनाक्रम अब प्रशासनिक व्यवस्था, जनप्रतिनिधियों की भूमिका और गरीबों तक सरकारी योजनाओं के सही क्रियान्वयन पर सवाल खड़े कर रहा है।
यह मामला महोली तहसील के अंतर्गत कृषक इंटर कॉलेज परिसर का है, जहां गुरुवार सुबह कड़ाके की ठंड को देखते हुए जरूरतमंदों के लिए कंबल वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के तहत करीब एक हजार गरीब और जरूरतमंद लोगों को कंबल बांटे जाने थे। सुबह से ही बड़ी संख्या में बुजुर्ग, महिलाएं और गरीब परिवार कॉलेज परिसर में लाइन लगाकर कंबल मिलने का इंतजार कर रहे थे। प्रशासनिक अमले की मौजूदगी में कंबल वितरण शुरू भी किया गया, जिससे लोगों को उम्मीद जगी कि उन्हें राहत मिलेगी।
शाम करीब चार बजे भाजपा विधायक शशांक त्रिवेदी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। उन्होंने खुद आगे बढ़कर लगभग 24 जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरित किए। विधायक की मौजूदगी में माहौल सामान्य रहा और लोगों को लगा कि सभी पात्र लाभार्थियों को कंबल मिल जाएंगे। करीब आधे घंटे बाद विधायक वहां से रवाना हो गए। उनके जाने के बाद ही पूरे कार्यक्रम ने नया मोड़ ले लिया।
विधायक के जाने के बाद एसडीएम देवेंद्र कुमार मिश्रा ने लोगों से कहा कि अब कंबल सभासद, ग्राम प्रधान और लेखपाल के माध्यम से घर-घर पहुंचाए जाएंगे। यह बात सुनते ही वहां मौजूद लोगों में नाराजगी फैल गई। लोगों का कहना था कि वे सुबह 11 बजे से लाइन में खड़े हैं और अब उन्हें वापस भेजा जा रहा है। कुछ महिलाओं ने आरोप लगाया कि कंबल ट्रॉली में लादकर बाहर भेज दिए गए, जबकि वे ठंड में घंटों इंतजार कर रही थीं।
कार्यक्रम स्थल पर अव्यवस्था और कंबल वितरण रोके जाने की जानकारी कुछ सभासदों और ग्राम प्रधानों ने विधायक शशांक त्रिवेदी तक पहुंचाई। शिकायत मिलते ही विधायक का गुस्सा भड़क उठा। वे तुरंत दोबारा कृषक इंटर कॉलेज पहुंचे और वहां मौजूद गरीबों से सीधे बातचीत की। लोगों ने बताया कि उन्हें कंबल नहीं दिए जा रहे हैं और अगले दिन आने के लिए कहा जा रहा है।
गरीबों की शिकायत सुनकर विधायक ने मौके से ही जिलाधिकारी राजा गणपति आर. को फोन कर दिया। बातचीत के दौरान विधायक काफी नाराज नजर आए। उन्होंने कहा कि यहां महोली में सुबह 11 बजे से लोग बैठे हैं। हमने प्रतीकात्मक रूप से कंबल बांटे और निकल गए। हमारे जाते ही सबको लौटा दिया गया। तहसील आओ, यहां आओ, वहां आओ… ये एसडीएम लोग गरीबों को तंग करेंगे। एफआईआर कराइए। इसे तुरंत भेजिए, यहां से गायब हो गया है। विधायक के इस फोन कॉल की चर्चा देर शाम तक प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में होती रही।
करीब शाम पांच बजे एसडीएम देवेंद्र कुमार मिश्रा दोबारा कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। यहां विधायक और एसडीएम के बीच तीखी बहस हुई। विधायक ने एसडीएम के व्यवहार और व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए साफ कहा कि एक भी पात्र व्यक्ति बिना कंबल लिए वापस नहीं जाना चाहिए। लोगों के सामने ही विधायक ने अधिकारियों को फटकार लगाई और तत्काल कंबल वितरण शुरू कराने का निर्देश दिया।
कार्यक्रम में मौजूद कई लोगों ने आरोप लगाया कि जैसे ही विधायक वहां से गए, कंबलों को ट्रॉली में लादकर बाहर भेज दिया गया, जबकि वे सुबह से इंतजार कर रहे थे। इस आरोप ने पूरे मामले को और गंभीर बना दिया। लोगों का कहना था कि अगर विधायक दोबारा मौके पर न आते, तो उन्हें बिना कंबल के ही घर लौटना पड़ता।
भाजपा विधायक शशांक त्रिवेदी ने पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक हजार कंबल बांटे जाने थे। कुछ कंबल बांटे गए, लेकिन हमारे निकलते ही लोगों को वापस कर दिया गया। सूचना मिली तो मैं दोबारा गया और खुद निगरानी में कंबल वितरित कराए। गरीबों के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
वहीं एसडीएम देवेंद्र कुमार मिश्रा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि 350 लोगों को कंबल देने का लक्ष्य था, लेकिन भीड़ उम्मीद से ज्यादा आ गई, जिससे अव्यवस्था बढ़ी। कुछ गलतफहमियां रहीं। अब तक 600 से अधिक लोगों को कंबल वितरित किए जा चुके हैं। एसडीएम का कहना है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए घर-घर वितरण का विकल्प अपनाने की बात कही गई थी।
Updated on:
13 Dec 2025 10:57 am
Published on:
13 Dec 2025 10:47 am
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