बीएसएफ ने श्रीगंगानगर सेक्टर में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तारबंदी के उस पार कृषि कार्य के लिए किसानों की आवाजाही रोक दी है।
श्रीगंगानगर. बीएसएफ ने श्रीगंगानगर सेक्टर में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तारबंदी के उस पार कृषि कार्य के लिए किसानों की आवाजाही रोक दी है। पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक के बीच बने युद्ध जैसे हालातों के चलते बीएसएफ ने किसानों और उनके साथ जाने वाले जवानों की सुरक्षा की ²ष्टि से यह कदम उठाया है। तारबंदी के उस पार भारतीय किसानों की कृषि भूमि है, जहां कृषि कार्य के लिए वह अक्सर जाते रहते हैं।
बीएसएफ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार श्रीगंगानगर सेक्टर में कई किसानों की कृषि भूमि तारबंदी के पार है। गंगनहर से ङ्क्षसचित भूमि पर ङ्क्षसचाई के साथ कृषि कार्य करने के लिए किसान जाते हैं। इसके लिए बकायदा समय सीमा तय है। अपने क्षेत्र में बीएसएफ की सीमा चौकी से स्वीकृति लेने के बाद ही किसान तारबंदी के पार कृषि कार्य के लिए जाते हैं। सुरक्षा की ²ष्टि से बीएसएफ के हथियार बंद जवान भी उनके साथ जाते हैं। कृषि कार्य के लिए किसानों की आवाजाही के लिए तारबंदी के साथ ही जगह-जगह गेट बने हुए हैं जो किसानों की आवाजाही के समय ही खुलते हैं।
जिन किसानों की कृषि भूमि तारबंदी के पार है, उन्होंने रबी फसल की कटाई कर ली है और अब खरीफ की बिजाई के लिए कृषि भूमि में जुताई और ङ्क्षसचाई आदि कार्य करने की तैयारी कर रहे थे। बीएसएफ की ओर से रोक लगाने के बाद उनका खेतों में जाना बंद हो गया है। तारबंदी के पार जिन किसानों की कृषि भूमि है, उन्हें सुबह आठ से शाम पांच बजे तक कृषि कार्य करने की छूट है। शाम के पांच बजते ही किसानों को बीएसएफ के जवानों के साथ लौटना पड़ता है।
बीएसएफ सूत्रों ने बताया कि श्रीगंगानगर सेक्टर में कुछ साल पहले पाक रेंजर्स कृषि कार्य के लिए गए दो किसानों को जबरन उठा कर ले गए थे। दोनों देशों के बीच हुई उच्चस्तरीय वार्ता के बाद ही उन किसानों की रिहाई हुई। अब जबकि युद्ध जैसे हालात बने हैं तो पाक रेंजर्स भारत पर दबाव बनाने के लिए हमारे किसानों के साथ नापाक हरकत कर सकते हैं। इसे ध्यान में रख कर तारबंदी के पार कृषि भूमि पर कृषि कार्य पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह आदेश दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य होने तक प्रभावी रहेगा।