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IAS Tina Dabi: बाड़मेर को मिले राष्ट्रीय जल संरक्षण पुरस्कार पर उठे सवाल, कलक्टर टीना डाबी ने सोशल मीडिया पोस्ट को बताया भ्रामक

राष्ट्रीय जल संरक्षण पुरस्कार को लेकर सोशल मीडिया पर उठे सवालों पर जिला कलक्टर टीना डाबी ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने वायरल पोस्ट को भ्रामक और फर्जी बताते हुए कहा कि गलत तथ्यों के जरिए जनता को गुमराह किया जा रहा है।

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कलक्टर टीना डाबी। फोटो- पत्रिका

बाड़मेर। राष्ट्रीय जल संरक्षण पुरस्कार को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे आरोपों और टिप्पणियों को जिला कलक्टर टीना डाबी ने पूरी तरह भ्रामक, असत्य और तथ्यहीन बताया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गलत आंकड़े और फोटो प्रसारित कर न केवल आमजन को गुमराह कर रहे हैं, बल्कि जिला प्रशासन की छवि को भी नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।

मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में जिला कलक्टर ने बताया कि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जल संचय जन भागीदारी कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बाड़मेर जिले को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया है। यह सम्मान 18 नवंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रदान किया गया था। इसके साथ ही जिले को 2 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि भी प्राप्त हुई थी।

दो पोर्टल, दो उद्देश्य, भ्रम फैलाने की कोशिश

उन्होंने स्पष्ट किया कि पुरस्कार का आधार जल संचय जन भागीदारी (जेएसजेबी) कार्यक्रम का पोर्टल है, जहां ब्लॉक और जिला स्तर पर सत्यापित आंकड़े और फोटो अपलोड किए जाते हैं। जबकि सोशल मीडिया पर कुछ लोग जल शक्ति अभियान : कैच द रेन (जेएसए-सीटीआर) पोर्टल के स्क्रीनशॉट दिखाकर फोटो डुप्लीकेट या फर्जी होने का दावा कर रहे हैं।

टीना डाबी ने कहा कि जेएसजेबी और सीटीआर दो पूरी तरह अलग-अलग पोर्टल और कार्यक्रम हैं। जेएसजेबी पोर्टल पुरस्कार का आधार है, जबकि सीटीआर पोर्टल केवल सूचनात्मक और प्रदर्शनीय उद्देश्य के लिए है। इसका राष्ट्रीय जल संरक्षण पुरस्कार से कोई संबंध नहीं है।

तीन ब्लॉकों में लापरवाही पर कार्रवाई

जिला कलक्टर ने बताया कि सीटीआर पोर्टल पर 12 में से 3 ब्लॉकों- चौहटन, धोरीमन्ना और बाड़मेर ग्रामीण में कुछ डुप्लीकेट फोटो अपलोड होने की बात सामने आई है। इसे लापरवाही मानते हुए संबंधित ब्लॉक विकास अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और सही फोटो अपलोड किए जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन फोटो का जेएसजेबी पुरस्कार से कोई लेना-देना नहीं है।

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जनप्रतिनिधियों के सवालों पर भी दिया जवाब

सांसद उम्मेदाराम और विधायक रविंद्र सिंह भाटी की ओर से उठाए गए सवालों पर टीना डाबी ने कहा कि उन्हें अभियान की पूरी जानकारी नहीं थी। संवाद के माध्यम से उन्हें सही तथ्य अवगत करा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह अभियान 6 सितंबर 2024 से 31 मई 2025 तक चला, जिसमें इस अवधि में पूर्ण हुए सभी जल संरक्षण कार्य शामिल किए गए, भले ही उनकी स्वीकृति पहले की रही हो। इसी आधार पर जिले में 79 हजार से अधिक जल संरक्षण कार्य दर्ज किए गए, जिनमें मनरेगा, वित्त आयोग, एफएफसी, मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन, कृषि विभाग सहित अन्य योजनाओं के कार्य शामिल हैं।