Rajasthan Rainfall Data: राजस्थान में इस बार 108 साल में दूसरी सबसे ज्यादा 693.1 मिमी बारिश दर्ज हुई। 63 प्रतिशत बांध लबालब हो चुके हैं और बीसलपुर बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। 20 सितंबर के बाद मानसून विदाई की संभावना बन रही है।
Rajasthan Rainfall Data: राजस्थान इस बार मानसून के सीजन में ऐतिहासिक बारिश का गवाह बन रहा है। मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में 108 वर्षों में दूसरी सबसे ज्यादा बरसात हो चुकी है। साल 1917 में 844.2 मिमी वर्षा दर्ज हुई थी, जबकि इस बार अब तक 693.1 मिमी पानी बरस चुका है। खास बात यह है कि मानसून अभी पूरी तरह विदा भी नहीं हुआ है, ऐसे में यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
बता दें कि सोमवार को डिप्रेशन सिस्टम के असर से बाड़मेर, जैसलमेर, सिरोही और जालौर में कई इलाकों में 1 से 2 इंच तक बारिश दर्ज की गई। वहीं, राज्य के बाकी हिस्सों में मौसम साफ रहा। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है, 10 सितंबर के बाद से मानसून की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी और अगले चार दिन तक कहीं भी तेज बारिश की संभावना नहीं है।
लगातार हो रही बारिश से राज्य के जलस्रोत भी लबालब हो गए हैं। राजस्थान के 693 छोटे-बड़े बांधों में से 437 बांध पूरी तरह भर चुके हैं। जबकि 164 बांध 25 से 90 प्रतिशत तक पानी से भरे हैं। बीसलपुर बांध से 24 जुलाई से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे आसपास के इलाकों में पानी की कमी की चिंता खत्म हो गई है।
मौसम विभाग का कहना है कि पिछले दो दशकों में जलवायु परिवर्तन का असर राजस्थान में साफ दिख रहा है। जहां कभी यह राज्य सूखे के लिए जाना जाता था, वहीं अब यहां औसत से ज्यादा बारिश दर्ज होने लगी है। इस सीजन में जुलाई का महीना सबसे ज्यादा बारिश वाला रहा। जून में 125.3 मिमी, जुलाई में 290 मिमी और अगस्त में 184 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं, 1 से 8 सितंबर के बीच 94 मिमी बरसात हो चुकी है।
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि अगले एक सप्ताह तक राज्य में हल्की बरसात का दौर चलता रहेगा, लेकिन धीरे-धीरे पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से मानसून कमजोर पड़ने लगेगा। अनुमान है कि 20 सितंबर के बाद से मानसून की विदाई की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
राजस्थान के लिए यह मानसून जल संचित करने और सूखे की समस्या से राहत का कारण बना है। हालांकि, लगातार बारिश और हादसों ने यह भी जता दिया है कि प्रकृति का संतुलन बदल रहा है और इसके साथ तालमेल बिठाना अब समय की मांग है।