बीकानेर की प्रज्ञा: दो बार असफल, तीसरी बार मिली सफलता, मन में ठान लिया था इस बार बेस्ट देना है, चयन होने के बाद पत्रिका से की खास बातचीत
जयपुर /बीकानेर। सिविल सर्विसेज यूपीएससी का परिणाम सोमवार को जारी हुई। इसमें बीकानेर के नौरंगदेशर निवासी प्रज्ञा जाट ने 91वीं रैंक हासिल की है। इस दौरान प्रज्ञा ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि तीसरी बार में सफलता मिली है। इससे पहले दो बार 2019 और 2020 में तैयारी की लेकिन सफल नही हो पायी। लेकिन दो बार असफल होने के बाद भी हार नही मानी ओर मन में ठान लिया था कि इस बार बेस्ट देना है ओर सफल होना है।
प्रज्ञा ने बताया कि पढ़ाई के लिए तो पूरे दिन ही बैठती लेकिन सात से आठ घंटे ही पढ़ाई हो पाती थी। जब परीक्षा होती थी तो उससे कुछ दिन पहले मन में थोड़ी घबराहट होती थी, लेकिन उस समय मम्मी-पापा पास आकर बैठ जाते थे तो हौसला बढ़ जाता था। इसके अलावा परिवार और दोस्तों का भी काफी सहयोग रहा। मैं काफी लकी थी जो मुझे सभी का सहयोग मिला। बाकी में युवाओं को यहीं कहना चाहूंगी कि आप आगे आए और पढ़े। मेरा भी आगे आने वाले समय में शिक्षा को बढ़ावा देने पर ही अधिक फोकस रहेगा।
तीसरी बार में मिली सफलता
प्रज्ञा को तीसरी बार में यह सफलता मिल सकी। प्रज्ञा ने इससे पहले 2019 व 2020 में इसकी परीक्षा दी लेकिन सफल नही हो सकी। इसके बाद अगले साल फिर से तैयारी की ओर सफल हुई। प्रज्ञा ने बताया कि दिल्ली में रहकर ही अपनी पढ़ाई पूरी की। प्रज्ञा के पिता रामचंद्र जाट रेलवे बोर्ड में सचिव के पद से रिटायर्ड हुए और माँ गृहणी है।
साल में चार बार आते है गांव
प्रज्ञा के पिता ने बताया आज भी गांव से बहुत प्यार है। साल में चार बार पूरे परिवार के साथ नौरंगदेशर आते ही है। इससे सभी परिवार से मिलना हो जाता है। प्रज्ञा और उनका परिवार अभी गुड़गांव में रह रहा है।