No Medal Concept in Diamond League: डायमंड लीग में मेडल या ट्रॉफी नहीं मिलती, फिर भी खिलाड़ी इसमें पूरे उत्साह के साथ भाग लेते हैं। चलिए जानते हैं इसके पीछे क्या है वजह।
Neeraj Chopra 90 Meter Throw: दोहा डायमंड लीग में भारतीय जैवलिन स्टार नीरज चोपड़ा ने पहली बार 90 मीटर के आंकड़े को पार किया। इस ऐतिहासिक थ्रो ने उन्हें डायमंड लीग में दूसरा स्थान दिलाया लेकिन न कोई मेडल मिला और न ही कोई ट्रॉफी। इसके बाद कई खेल प्रेमियों के मन में ये सवाल आया होगा कि जब डायमंड लीग में पदक नहीं मिलता, ट्रॉफी नहीं मिलती तो आखिरी एथलीट इस लीग में भाग क्यों लेते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि डायमंड लीग में एथलीट्स क्यों भाग लेते हैं।
डायमंड लीग एथलेटिक्स की सबसे प्रतिष्ठित वैश्विक प्रतियोगिताओं में से एक है, जिसमें दुनिया के टॉप एथलीट भाग लेते हैं। इसमें भाग लेना और अच्छा प्रदर्शन करना खिलाड़ी को पहचान दिलाता है। हालांकि इसमें कोई मेडल या ट्रॉफी नहीं मिलती है। तो आखिरी खिलाड़ियों को प्रदर्शन के लिए क्या मिलता है। पहले दूसरे और तीसरे स्थान पर कब्जा करने का फायदा क्या होता है। चलिए जानते हैं।
डायमंड लीग के 4 इवेंट होते हैं। सबसे पहले दोहा, फिर पेरिस, लुसाने और आखिर में ज्यूरिख। प्रत्येक इवेंट में शीर्ष 8 एथलीट को नकद पुरस्कार मिलता है। 2025 में दोहा डायमंड लीग में पहले स्थान पर रहने वाले एथलीट को 10,000 डॉलर की ईनामी राशि मिली। दूसरे स्थान पर रहने वाले नीरज चोपड़ा को 6000 डॉलर मिले। जुलियन वेबर ने 91.06 मीटर का थ्रो किया था तो नीजर ने पहली बार 90 के आंकड़े को पार करते हुए 90.23 मीटर का थ्रो कर अपना ही नेशनल रिकॉर्ड तोड़ा।
तीसरे स्थान के एथलीट को 3500 डॉलर, चौथे स्थान के एथलीट को 2000 डॉलर, पांचवें स्थान के एथलीट को 1250 डॉलर, छठे स्थान के एथलीट को 1000 डॉलर, 7वें स्थान के एथलीट को 750 और 8वें स्थान के एथलीट को 500 डॉलर इनाम के तौर पर दिए जाते हैं। डायमंड लीग के चारों इवेंट के विनर और बेस्ट 2 एथलीट के बीच एक डायमंड लीग का फाइनल मुकाबला होता है। फाइनल में पहले स्थान पर रहने वाले एथलीट को 30 हजार अमेरिकी डॉलर मिलते हैं। दूसरे स्थान पर के एथलीट को 12 हजार, तीसरे स्थान पर के एथलीट को 7000 और चौथे स्थान पर के एथलीट को 4000 अमेरिकी डॉलर दिए जाते हैं। पांचवें एथलीट को 2500 और छठे एथलीट को 2000 अमेरिकी डॉलर मिलते हैं।