गांव ढाबां झालार में स्थित पड़पाटा धाम में सोमवार को सोमवती अमावस्या पर जागरण व मेले का आयोजन किया गया। मेले व जागरण में आसपास के क्षेत्र से हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
सिद्धूवाला (श्रीगंगानगर). गांव ढाबां झालार में स्थित पड़पाटा धाम में सोमवार को सोमवती अमावस्या पर जागरण व मेले का आयोजन किया गया। मेले व जागरण में आसपास के क्षेत्र से हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। पड़पाटा धाम सेवा समिति के अध्यक्ष सेवाराम ने बताया कि जागरण व मेला सोमवार सुबह 8 बजे से शाम तक आयोजित किया गया। जिसमे आसपास के गांवों के अलावा जयपुर, दिल्ली, पंजाब से भी श्रद्धालु शामिल हुए। पड़पाटा धाम सेवा समिति की ओर से आयोजित जागरण में भजन कलाकार भक्त पूर्णराम, कमल अनेजा, सुनील विश्नोई, मंजु बाईसा, किरण जग्गा ने किया बालाजी का गुणगान करते हुए एक से बढकऱ एक भजनों की प्रस्तुति दी। जिस पर श्रद्धालु जमकर झूमे।
पड़पाटा धाम में एक दिवसीय आयोजन की तैयारी एक माह पूर्व ही शुरु हो जाती है। लगभग एक माह तक प्रतिदिन धाम में सेवादार एकत्रित होकर पानी छिडक़ाव से लेकर स्टाल लगाने तक की व्यवस्था करते हैं। इसके साथ ही भीड़ को संभालने की व्यवस्था, ट्रैफ़कि व्यवस्था, लंगर व्यवस्था, प्रसाद व्यवस्था जैसे कार्यों की जिम्मेदारी तय की जाती है।
इस दौरान मेले में ट्रेड फेयर जैसे बड़़े बड़े झूले, बाऊंसी, क्रॉस, ज्वाइंट व्हील जैसे झूले मेले की शान बढ़ाते हैं। वहीं मेले में सूरतगढ़ सिटी थाना से हेड कांस्टेबल सुनील कुमार बाबल, राजियासर थाने से एएसआई हनुमान, सदर थाने से एएसआई महेंद्र कुमार की देखरेख में जवानों ने सुरक्षा व्यवस्था संभाली।
कहा जाता है कि वर्षों पूर्व भारी बरसात आने के कारण ढाबा झालार सहित आसपास के गांव डूबने की दशा में आ गए थे। बुजुर्ग बताते हैं कि समस्त ग्रामवासियों ने एकजुट होकर ईश्वर से सुरक्षा की प्रार्थना की। जिसके बाद गांव के बाहरी क्षेत्र में तेज गर्जना के साथ जमीन दो हिस्सों में बंट गई तथा सारा पानी उसमें समा गया। जिसके बाद इसका नाम पड़पाटा धाम पड़ा, जिसमे पड़़ का अर्थ है जमीन व पाटा का मतलब है फाड़़। मान्यता है कि इसके सरोवर के पानी से दाद, खाज, खुजली व त्वचा रोग से निदान मिलता है।