श्री गंगानगर

Rajasthan News: पलक झपकते ही दान कर दी अपनी जीवनभर की गाढ़ी कमाई

किसी ने गायों के लिए तो किसी ने स्कूल के लिए जीवनभर पाई पाई कर जोड़ी गई रकम को पलक झपकते ही दान कर दिया। ऐसे दानदाताओं ने कबीर के दोहे ‘धर्म किए न धन न घटे…’ को सही मायनों में चरितार्थ किया है।

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महेन्द्रसिंह शेखावत

‘धर्म की जड़ सदा हरी होती है’, यह बात बड़े बुजुर्गों से जरूर कहीं न कहीं सुनी होगी, लेकिन इस बात पर गौर करने वाले विरले ही होते हैं। यही वे लोग होते हैं जो अपने लिए नहीं वरन दूसरों के लिए जीते हैं।

अपनी गाढ़ी कमाई या उसका बड़ा हिस्सा एक झटके में धर्म के नाम पर दान कर देते हैं। श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ में ऐसे दानदाताओं की सूची लंबी है, जो सामान्य परिवारों से होने के बावजूद दान देने में पीछे नहीं हटे।

किसी ने गायों के लिए तो किसी ने स्कूल के लिए जीवनभर पाई पाई कर जोड़ी गई रकम को पलक झपकते ही दान कर दिया। ऐसे दानदाताओं ने कबीर के दोहे ‘धर्म किए न धन न घटे…’ को सही मायनों में चरितार्थ किया है। कई ऐसे भी हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद दान करने में आगे रहे।

ऐसे-ऐसे दानदाता

श्रीगंगानगर के मिर्जवाला गांव की पारी देवी ने चार लाख से अधिक कीमत का नया ट्रैक्टर श्री नंदलाला गोशाला को दान कर दिया।

हनुमानगढ़ के थालड़की गांव की मीरादेवी सोनी ने 51 हजार की राशि महर्षि दयानंद गोशाला को भेंट कर दी। मीरा देवी अकेली रहती हैं।

सूरतगढ़ क्षेत्र के जानकीदासवाला गांव की श्री जानकीजी गोशाला में रामकुमार करगवाल ने ट्रैक्टर दान में दे दिया, जबकि वह दूसरों की जमीन पर बुवाई करता है। खुद की जमीन नहीं है।

अनूपगढ़ जिले के दस सरकारी गांव की सिंगारी देवी के पुत्र की हादसे में मृत्यु हो गई। कृषि उपज मंडी से मिली क्लेम राशि एक लाख ग्यारह हजार तीन सौ रुपए उसने स्कूल के लिए भेंट कर दिए।

श्रीकरणपुर के स्वर्गाश्रम स्थित गोशाला के लिए लेखराज रस्सेवट व ईश्वरी देवी ने ढाई करोड़ की लागत वाली 25 बीघा भूमि दान दी।

स्कूल के लिए हनुमानगढ़ के गोलूवाला सिहागान के ओमप्रकाश ने अपने माता-पिता की याद में दो लाख 21 हजार रुपए की राशि दान कर दी।

Published on:
03 Aug 2024 12:46 pm
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