
अस्पताल में भर्ती युवती को देखते सीएचसी प्रभारी डॉ. नीरज अरोड़ा (फोटो-पत्रिका)
श्री गंगानगर। बॉथरूम में गैस गीजर के धुएं से रविवार को श्रीकरणपुर के वार्ड पांच में एक युवती बेसुध होकर मरणासन्न अवस्था में पहुंच गई। लेकिन समय पर राजकीय चिकित्सालय पहुंचने और सीएचसी प्रभारी व उनकी टीम के बेहतर प्रयासों से उसे बचा लिया गया।
जानकारी अनुसार वार्ड पांच आंबेडकर पार्क के निकट लक्ष्मीनारायण जोहिया व पूर्व पालिकाध्यक्ष अनीता जोहिया की पुत्री पारुल जोहिया (18) घर में बने बॉथरूम में नहाने गई। कुछ देर तक बाहर नहीं आने पर परिजन ने दरवाजा खटखटाया। इस दौरान कोई जवाब नहीं आने पर आशंकित परिजन ने गेट तोड़ा तो वह बेसुध अवस्था में मिली।
युवती को तुरंत राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां डॉ. नीरज अरोड़ा ने उसकी जांच की। नब्ज व श्वसन प्रक्रिया बंद होने के मद्देजनर उसी समय युवती का कार्डियक मसाज से बचाने का प्रयास शुरू किया गया। नर्सिंग कर्मियों की टीम के साथ करीब 20-25 मिनट की मशक्कत के बाद उम्मीद की किरण दिखाई दी, जिसके बाद उसे आवश्यक जीवनरक्षक दवाइयां और ऑक्सीजन दी गई।
कुछ देर बाद युवती की हालत सामान्य हुई तो परिजनों के साथ चिकित्सकीय टीम ने राहत की सांस ली। युवती का अभी अस्पताल में इलाज जारी है। परिजनों ने बताया कि पारुल पटना में आइआइटी कर रही है। एक दिन पहले ही वह यहां आई और रविवार को रायसिंहनगर अपने परिजन के घर जाने की तैयारी चल रही थी कि यह दुर्घटना हो गई।
डॉ. नीरज अरोड़ा ने कहा कि गैस गीजर चलाते समय सावधानी बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि गैस गीजर के जलने से कार्बन मोनोक्साइड नामक जहरीली गैस बनती है। बंद जगह में यह गैस बेहोशी, दम घुटना या मौत तक का कारण बन सकती है। उन्होंने बंद बॉथरूम में गैस गीजर नहीं चलाने, गर्म पानी निकालने के बाद ही बॉथरूम में जाने, पर्याप्त वेंटीलेशन रखने व समय-समय पर गैस गीजर की जांच कराने सहित अन्य सावधानियां बरतने की सलाह दी।
Published on:
07 Dec 2025 09:34 pm
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