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घर की जलापूर्ति में हानिकारक जीवाणु तो नहीं… जान सकेंगे आप

जिला लैब में मिलेगी पेयजल की उच्च तकनीक से जांच की सुविधा प्रदेश में 41 जिला जल लैब को अपग्रेड करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में कृष्ण चौहान

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  • श्रीगंगानगर.जलदाय विभाग पेयजल जांच को लेकर उच्च मानक हासिल करने की तैयारी में है। कैमिकल टेस्टिंग के लिए सर्टिफाइड जिला जल लैब अब माइक्रोबायोलॉजिकल जांच के लिए भी एनएबीएल मानक प्राप्त करने की प्रक्रिया में है। विभाग की ओर से 41 जिला जल लैबों को सर्टिफाइड कराने की प्रक्रिया में है। यह प्रमाणन क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के अधीन नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेट्रीज (एनएबीएल) द्वारा कड़े मानकों के ऑडिट के बाद प्रदान किया जाता है।
  • अपग्रेड हो रही लैब एनएबीएल प्रमाणन के लिए लैब को अपग्रेड किया जा रहा है। लैब भवन में मॉडिफिकेशन का काम किया जा रहा है, जिसमें नियंत्रित तापमान वाले परीक्षण कक्ष, बैक्टीरिया कल्चर रूम, हाई-ग्रेड ऑटोक्लेव, इन्क्यूबेटर, माइक्रोबायोलॉजी आधारित उपकरण, स्टेराइल वर्कस्टेशन और उन्नत ग्लासवेयर शामिल किए जा रहे हैं। आवश्यक केमिकल्स, कल्चर मीडिया और तकनीकी सामग्री की खरीद भी पूरी कर ली गई है। इन सुधारों के बाद लैब की रिपोर्ट की सटीकता और विश्वसनीयता कई गुना बढ़ जाएगी।

12 पैरामीटरों की होगी जांच

  • लैब अभी 9 पैरामीटरों की जांच करती थी, जिसे बढ़ाकर अब 12 कर दिया गया है। टर्बिडिटी, कंडक्टिविटी और गंध जैसे महत्वपूर्ण नए मापदंड शामिल किए गए हैं।

जल्द ही जीवाणु परीक्षण के लिए एनएबीएल प्रमाणन प्राप्त होगा

  • श्रीगंगानगर सहित राज्य भर की जिला जल लैबों में अब जीवाणु जांच को एनएबीएल सर्टिफिकेशन दिलाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। सभी आवश्यक मापदंडों पर पूरा ध्यान देकर कार्य किया जा रहा है। हमें जल्द ही जीवाणु परीक्षण के लिए एनएबीएल प्रमाणन प्राप्त होगा।
  • प्रभा बंसल, कनिष्ठ रसायनज्ञ, जिला जल जांच प्रयोगशाला