ट्रैफिक प्रभारी रघुवीर सिंह बीका ने बताया कि शहर में सबसे ज्यादा ट्रैफिक सुखाड़िया सर्किल पर रहता है। यहां से चारों दिशा में अलग अलग कॉलोनियों और बाजार में आवाजाही रहती है।
Sukhadia Circle: सुखाड़िया सर्किल पर यातायात को सुगम बनाने की कवायद शुरू की गई है। नगर विकास न्यास प्रशासन की ओर से सुखाड़िया सर्किल का आकार आठ से दस फीट घटाने के लिए ठेकेदार ने जेसीबी मशीन के माध्यम से सर्कल के पुराने स्ट्रेक्चर को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
ट्रेक्टर ट्रॉलियों से मलबा भी उठाव होने लगा है। विदित रहे कि इस संबंध में राजस्थान पत्रिका के आठ दिसम्बर के अंक में अब सुखाड़िया सर्किल से यातायात होगा सुगम शीर्षक से समाचार भी प्रकाशित किया था। मंगलवार को न्यास की ओर से अधिकृत ठेका फर्म के कारीगरों ने यह काम शुरू किया। इस सर्किल पर गोशाला मार्ग से सूरतगढ़ या हनुमानगढ़ रोड के लिए आवाजाही करने वाले वाहन चालकों को अब घूमावदार सर्किल का चक्कर काटना नहीं पड़ेगा। इसी प्रकार सुखाड़िया मार्ग से आवाजाही करने वाले वाहनों को भी अब ज्यादा मशक्कत नहीं करने पड़ेगी।
इधर, रामलीला मैदान व नई धानमंडी गेट से आवाजाही करने वाले वाहनों को भी अब इंतजार नहीं करना पड़ेगा। ट्रैफिक प्रभारी रघुवीर सिंह बीका ने बताया कि शहर में सबसे ज्यादा ट्रैफिक श्रीगंगानगर के सुखाड़िया सर्किल पर रहता है। यहां से चारों दिशा में अलग अलग कॉलोनियों और बाजार में आवाजाही रहती है। यह चौबीस घंटे ट्रैफिक चलता है। एक मिनट के लिए कोई अड़चन आ जाए तो इसका असर पूरे बाजार की ट्रैफिक पर रहता है।
ऐसे में सुखाड़िया सर्किल का आकार कम करने से यातायात नियंत्रित करने में आसानी रहेगी। विदित रहे कि पूर्व सीएम मोहनलाल सुखाड़िया की याद में सुखाड़िया पार्क और सुखाड़िया सर्किल का लोकार्पण करने के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह 17 अगस्त 1983 को यहां आए थे। इस सर्किल और पार्क को पूरे बीकानेर संभाग में सबसे भव्य रूप दिया गया था।