CG News: स्थानीय लोगों और शिक्षकों का आरोप है कि अगर इतनी राशि में नया भवन बनाया जाता तो छात्रों को सुरक्षित और बेहतर सुविधा मिल सकती थी।
CG News: सुकमा जिले के बालक आश्रम झापरा में सोमवार रात उस समय अफरा-तफरी मच गई जब सोते समय दो छात्रों के ऊपर छत का प्लास्टर अचानक गिर पड़ा। इस हादसे में दोनों छात्रों के पैरों में फ्रैक्चर हुआ है। गनीमत रही कि हादसे में सिर पर चोट नहीं आई, वरना बड़ी अनहोनी हो सकती थी।
मिली जानकारी के अनुसार घटना रात करीब 10 बजे की है जब छात्र उमेश और भीमा अपने कमरे में सो रहे थे। दोनों छात्रों ने बताया कि वे सामान्यत: सिर उस दिशा में रखते थे जहां से प्लास्टर गिरा, लेकिन गर्मी के कारण उन्होंने उस दिन सिर की दिशा बदल ली, जिससे वे किसी गंभीर चोट से बच गए। दोनों छात्रों के पैर में प्लास्टर गिरा जिससे पैर फ्रैक्चर हुआ है। हादसे के बाद दोनों को इलाज के लिए ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें खतरे से बाहर बताया गया है।
बताया गया है कि झापरा आश्रम भवन का मरम्मत कार्य दो वर्ष पूर्व 50 लाख रुपये की लागत से किया गया था। इसके बावजूद भवन की हालत बदहाल बनी हुई है। छतों में जगह-जगह दरारें हैं और प्लास्टर उखड़ रहा है। छात्रों के रहने वाले अन्य कमरों में भी ऐसी ही स्थिति पाई गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मरम्मत के नाम पर सिर्फ सतही पुट्टी और रंग-रोगन कर खानापूर्ति की गई।
CG News: झापरा बालक आश्रम का निर्माण वर्ष 2007 में किया गया था। 70 सीट क्षमता वाले इस आश्रम में छात्रों के रहने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है। इसके बावजूद बीते वर्षों में मरम्मत के नाम पर अब तक लगभग 80 से 90 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन भवन की जर्जर स्थिति जस की तस बनी हुई है। स्थानीय लोगों और शिक्षकों का आरोप है कि अगर इतनी राशि में नया भवन बनाया जाता तो छात्रों को सुरक्षित और बेहतर सुविधा मिल सकती थी। लेकिन जिम्मेदार विभागों ने सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर बच्चों की जान को जोखिम में डाल दिया।