0 चारों ने पहले हाथ-मुक्के व डंडे से बेदम पीटा फिर रस्सी से गला दबाकर कर दी हत्या, आत्महत्या का रूप देने गले में रस्सी बांधकर पेड़ के नीचे रखा, आरोपी महिला, उसका भाई व 2 नाबालिग बेटियां गिरफ्तार
प्रतापपुर. 2 मई को प्रतापपुर थाना क्षेत्र के ग्राम केंवरा में एक पेड़ के नीचे युवक की लाश मिली थी। उसके गले में रस्सी बंधी हुई थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच पश्चात शव को पीएम के लिए भिजवाया। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होने पर पुलिस युवक की हत्या के आरोप में एक महिला, उसकी 2 नाबालिग बेटियों व उसके भाई को गिरफ्तार कर शुक्रवार को जेल भेज दिया। बताया जा रहा है कि मृतक आरोपी महिला के घर पर रहकर मजदूरी करता था। 30 अप्रैल की रात वह उसकी एक नाबालिग बेटी को गलत नीयत से बिस्तर पर खींच रहा था। बेटी के शोर मचाने के बाद चारों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद उसे आत्महत्या का रूप देने शव के गले में रस्सी बांधकर पेड़ के नीचे रख दिया था।
प्रतापपुर पुलिस ने अंधे कत्ल का खुलासा करते हुए बताया कि ग्राम केंवरा कटईपारा के पंच विक्रम सिंह ने 2 मई की सुबह सूचना दी कि ग्राम चंदेली निवासी संजय उर्फ मिथुन 35 वर्ष की लाश 1 मई की रात 9.30 बजे आम के पेड़ के नीचे पड़ी देखी है। युवक के गले में नायलॉन की रस्सी बंधी है तथा गर्दन में दो और जगह रस्सी के निशान हैं।
वहीं पीठ व शरीर पर भी चोट के निशान हैं। उसने बताया कि मृतक केंवरा निवासी भगमेन कोरवा के घर पर रहकर पिछले 4-5 साल से मजदूरी कर रहा था। सूचना मिलते ही पुलिस, एफएसएल और डॉग स्क्वायड की टीम मौके पर पहुंची और जांच की। इसके बाद पुलिस ने शव को पीएम के लिए अस्पताल भिजवाया।
शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा मृत्यु का कारण हत्यात्मक की पुष्टि किए जाने के बाद पुलिस ने भगमेन कोरवा को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की। इस पर उसने अपने भाई खीरू कोरवा और 2 नाबालिग बेटियों के साथ मिलकर 30 मई की रात हत्या करने की बात स्वीकार की।
इसके बाद पुलिस ने आरोपी भगमेन कोरवा पति स्व. सहादन 45 वर्ष, उसके भाई खीरू 50 वर्ष व विधि से संघर्षरत उसकी 2 नाबालिग बेटियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने धारा 302, 201, 34 के तहत शुक्रवार को महिला उसके भाई को जेल जबकि बालिकाओं को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया।
आरोपी महिला भगमेन ने बताया कि वह अपनी 2 नाबालिग बेटियों के साथ रहती हैं। मृतक ग्राम चंदेली निवासी संजय उर्फ मिथुन उसके घर पर रहकर 4-5 साल से मजदूरी कर रहा था। वह अक्सर शराब पीकर लड़ाई झगड़ा करता था। 30 मई को उसका भाई खीरू भी घर आया था। इस दौरान सभी ने मिलकर मछली बनाकर खाई।
देर रात हो जाने के कारण भाई भी वहीं सो गया। इसी बीच रात 10.30 बजे उसकी एक नाबालिग बेटी के चिल्लाने की आवाज आई। आवाज सुनकर जब सभी कमरे में पहुंचे तो देखा कि संजय उसकी बेटी को गलत नीयत से पकडक़र बिस्तर पर खींच रहा था।
यह देख उसने गुस्से में अपने भाई खीरू व दोनों नाबालिग बेटियों के साथ उसकी हाथ-मुक्के व डंडे से पिटाई शुरु कर दी। इसके बाद मवेशी बांधने वाले नायलॉन की रस्सी उसके भाई व दोनों बेटियों ने संजय के गले में फंसाकर खींच दिया, इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
आरोपियों ने बताया कि हत्या करने के बाद चारों ने मिलकर शव के गले में फांसी का फंदा बनाया और घर के बाहर बने शौचालय में ले जाकर रख दिया। फिर 1 मई की रात करीब 9 बजे उन्होंने शव को वहां से निकालकर गांव में ही आम के पेड़ के नीचे रख दिया। पुलिस ने आरोपी भगमेन की निशानदेही पर डंडा जब्त कर लिया।
थाना प्रभारी प्रतापपुर लक्ष्मण सिंह धुर्वे, सायबर सेल एएसआई राकेश यादव, प्रधान आरक्षक रजनीश त्रिपाठी, रामाधीन श्यामले, महिला प्रधान आरक्षक सरिता टोप्पो, आरक्षक युवराज यादव, अवधेश कुशवाहा, राजेश तिवारी, अरविन्द पाण्डेय, जयप्रकाश पन्ना व डॉग मास्टर मुकेश चर्तुवेदी शामिल रहे।