टीकमगढ़

रहस्यमयी मंदिर जहां भक्तों से देवी करती हैं संवाद और देती हैं प्रसाद

Navratri 2025 : मध्यप्रदेश में एक ऐसा चमत्कारी मंदिर है, जहां की देवी भक्तों से बात करती है। साथ ही उन्हें प्रसाद भी देती है। आपको जान कर हैरानी हो रही होगी लेकिन ऐसी मान्यताओं वाला मंदिर है, जिससे भक्तों की अटूट आस्था जुड़ी हुई है।

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Apr 05, 2025
Miraculous temple of Madhya Pradesh

Mysterious Temple :मध्यप्रदेश में एक ऐसा चमत्कारी मंदिर है, जहां की देवी भक्तों से बात करती हैं। साथ ही उन्हें प्रसाद भी देती हैं। आपको जान कर हैरानी हो रही होगी… लेकिन इस मंदिर से भक्तों की अटूट आस्था जुड़ी हुई है। यहां हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। वहीं नवरात्रि के पावन पर्व के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। लोगों का कहना है कि इस मंदिर में मांगी गई हर मुराद मां पूरी करती है। इस नवरात्रि(Navratri 2025) चलिए जानते है इस चमत्कारी मंदिर के चमत्कारों और मान्यताओं के बारे में…।

भक्तों से करती हैं संवाद

चमत्कारी मंदिर में विराजमान अछरू माता(Achhru Mata Temple) कुंड में रहते हुए भक्तों से संवाद करती हैं। साथ ही मन्नत पूरी होने को लेकर इशारा भी देती है। कई लोगों ने इन रहस्यों को जानने की कोशिश की लेकिन किसी को कोई कामयाबी नहीं मिली।

यहां है चमत्कारी मंदिर

Achhru Mata Temple

अछरू माता का ये चमत्कारी मंदिर मध्यप्रदेश के निवाड़ी जिले(निवाड़ीजिला टीकमगढ़ जिले का एक हिस्सा हुआ करता था और 1 अक्टूबर 2018 को इसे अलग कर एक नया जिला बनाया गया) के पृथ्वीपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मडिया में स्थित है। सालाना यहां लाखों श्रद्धालु अपनी-अपनी मनोकामनाओं के साथ पहुंचते हैं और माता से संवाद भी करते हैं। मान्यता है कि यहां माता रानी भक्तों से संवाद कर उन्हें प्रसाद देती हैं। प्रसाद में चिरौंजी, नारियल, दही, नींबू आदि शामिल होता है।

अनोखा है मंदिर का इतिहास

इस चमत्कारी मंदिर(Achhru Mata Temple) की तरह इसका इतिहास भी लोगों को हैरान कर देता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि कई साल पहले एक अछरू नामक चरवाहा हुआ करता था। जो अपनी भैसों को रोजाना जंगल में चराने के लिए ले जाया करता था। एक दिन अचानक उसकी भैंस कहीं खो गई। भैंस को ढूंढ़ने के लिए अछरू ने पूरा जंगल छान मारा, लेकिन उसे भैंस कहीं नहीं मिली। थक हारकर वह एक पेड़ के नीचे बैठ गया। जहां वह बैठा वहीं एक कुआं था। उस कुएं से अचानक देवी मां प्रकट हुई और उसे उसकी भैंस का पता बता दिया। साथ ही उसे परेशान थका-हारा देख कुंड का जल पीने की सलाह भी दी।

अछरू पानी पी रहा था कि तभी उसकी लाठी कुंड में गिर गई और पानी के अंदर चली गई। बिना लाठी के ही वो माता के बताए गए स्थान पर पंहुचा। वहां वो अपनी लाठी और भैंस को देखकर हैरान हो गया। इसके बाद अछरू रोजाना उस कुंड पर जाकर पूजा करने लगा। तब से लोगों की आस्था कुंड की देवी से जुड़ गई।

कभी नहीं सूखता कुंड का पानी

लोगों का मानना है कि इस कुंड का पानी कभी भी नहीं सूखता। गर्मियों के दिनों में पूरे बुंदेलखंड में पानी की कमी हो जाती है लेकिन, पहाड़ी पर बसे होने के बावजूद ये कुंड पानी से लबालब भरा रहता है।

नवरात्रि में लगता है मेला

मंदिर के पुजारी का कहना है कि सालों से अछरू के परिवार के सदस्य इस मंदिर में पूजा करते आ रहे हैं। चैत्र और शारदीय नवरात्रि के दौरान यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। लाखों की संख्या में भक्त अछरू मां के दर्शन के लिए आते हैं।

Published on:
05 Apr 2025 03:18 pm
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