Umita Singh Attack on MP Police and Government: पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की बहू उमिता सिंह ने गंभीर सवाल उठाते हुए एमपी पुलिस की लचर होती कानून व्यवस्था के साथ ही मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार पर सवाल उठाए हैं, बुंदेलखंड में बढ़ते क्राइम को लेकर उमिता ने जिले की तुलना पुराने चंबल से कर डाली, जानें क्यों याद आया कभी अपराधों का गढ़ रहा 'चंबल', मोहन सरकार को क्यों घेर रही उमा की बहू...
Umita Singh Attack on MP Police and Government: पांच दिन पहले जहां पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भाजपा के साथ ही अपनी सरकार को आईना दिखाया था तो अब उनकी बहू एवं जिला पंचायत अध्यक्ष उमिता सिंह (Umita singh) ने जिले की बिगड़ती कानून व्यवस्था (Umita Singh Attack on police Law order ) को लेकर पुलिस और सरकार (Umita singh Attack o MP government) को घेरा है। जिले में आए दिन हो रहे अपराध (Umita Singh on Bundelkhand Crime) , पुलिस के विरोध में प्रदर्शन एवं पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि बुंदेलखंड, पुराने चंबल में परिवर्तित होता जा रहा है और कानून व्यवस्था वेंटिलेटर पर है।
कुछ समय से जिले में बढ़ते अपराध (Crime), निजी विवादों के जाति संघर्ष में बदलने, जिले से अवैध शराब के कारोबार को लेकर उमिता ने सोशल मीडिया पर पुलिस के खिलाफ टिप्पणी की है। उन्होंने इससे सरकार की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि यहां आए दिन अपराध के वीडियो सामने आ रहे हैं। पुलिस पुराने जमाने की उत्तरप्रदेश वाली होती दिख रही है। यहां बिना आंदोलन के पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही। कुछ समय बाद जिले का नाम आंदोलनकारी जिला हो जाएगा। न जनता को पुलिस को डर है और न पुलिस को सरकार का।
जिले की चरमराई हुई कानून व्यवस्था को देखकर लगता है कि अब अपराधियों को कानून का कोई डर नहीं है। जिसका सबसे बड़ा कारण पुलिस खुद है। उन्होंने पुलिस द्वारा जिले भर में चलाए जा रहे विभिन्न सामाजिक एवं जागरूकता अभियान को लेकर भी कटाक्ष करते हुए कहा है कि एक कहावत है- जिसकी टोपी उसके सर भाए। पुलिस का काम है जनता को सुरक्षा और कानून के प्रति लोगों में डर, ताकि वो अपराध से दूर रहे, लेकिन हमारे जिले में पुलिस अपना काम छोड़कर सारे काम कर रही है।
उमिता राहुल सिंह ने जिले के राजनीतिक नेतृत्व पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने लिखा है कि जिले में गांव-गांव में खुलेआम अवैध शराब बिक रही है। ठेकेदारों ने थानों में महीना बाध रखा है। जनप्रतिनिधि को ये कुछ समझ नहीं रहे हैं, जिला बेलगाम घोड़े की तरह दौड़े जा रहा है। समझ नहीं आ रहा कि यहां की जनता की कमी है या यहां के जनप्रतिनिधियों का दुर्भाग्य। उन्होंने इसमें जनता के साथ ही सरकार को नुकसान बताया है। उन्होंने इस पोस्ट को मुयमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ ही जिले की प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर को टैग किया है।