काशीपुरा मार्ग पर साढ़े चार करोड़ रुपए की लागत से चल रहे राजकीय कॉलेज के भवन का निर्माण काफी धीमी गति से चल रहा है। ऐसे में छात्राओं की अध्ययन व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही है।
काशीपुरा मार्ग पर साढ़े चार करोड़ रुपए की लागत से चल रहे राजकीय कॉलेज के भवन का निर्माण काफी धीमी गति से चल रहा है। ऐसे में छात्राओं की अध्ययन व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही है। 8 सितंबर 2022 से कॉलेज के भवन का निर्माण शुरू हुआ तो लगा था कि एक वर्ष बाद स्वयं के भवन में शिफ्ट हो जाएगा लेकिन निर्माण कार्य की धीमी गति से होने के चलते अभी तक 40 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हुआ है।
ठेकेदार को फटकार लगाई
जबकि ठेकेदार को भवन निर्माण 7 जुलाई 2023 तक पूर्ण करते हुए कॉलेज हैंडओवर करना था। इतना ही नहीं मॉनिटङ्क्षरग के अभाव में कार्य भी गुणवत्तापूर्ण नहीं हो रहा है। पूर्व में निर्माण कार्य में काम ली जा रही घटिया सामग्री मिलने पर ठेकेदार को फटकार लगाई गई थी।
आठ बीघा भूमि पर बन रहा है भवन
भवन काशीपुरा मार्ग पर आठ बीघा जमीन पर बन रहा है। दो मंजिला भवन बनाने को लेकर 4.50 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ था। संवेदक की ओर से निर्माण की धीमी रफ्तार के चलते समय पर काम पूरा होने की बजाए अभी तक ग्राउंड फ्लोर पर सिर्फ छत डाले जाने का काम पूरा हुआ है।
2019 में शुरू हुआ था कॉलेज
प्राचार्य डॉ. सौलत अली खान ने बताया कि पीपलू में वर्ष 2019 में नवीन राजकीय कन्या कॉलेज की स्थापना की गई थी। स्थापना के साथ ही राजकीय कन्या महाविद्यालय भवन के अभाव में कस्बे के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के दो कमरे तथा एक बड़े हॉल में संचालित हो रहा है।
एक ही स्थान पर बैठ रहे हैं
दो कमरों में से एक में महाविद्यालय ऑफिस का संचालन हो रहा हैं। जिसमें भी एक ही कक्ष में प्राचार्य, स्टॉफ, लिपिक आदि एक ही स्थान पर बैठ रहे हैं। वहीं दूसरे कमरें में बीए प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष की कक्षाएं संचालित करना महाविद्यालय प्रशासन के समक्ष चुनौती बना रहता है।
400 छात्राएं है अध्ययनरत
कॉलेज में लगभग 400 छात्राएं अध्ययनरत है। कला संकाय के 2 वर्गों में संचालित हैं। जिनमें विद्यार्थियों के लिए 7 विषय उपलब्ध हैं, जिनमें हिन्दी साहित्य, अंग्रेजी साहित्य, इतिहास, उर्दू, गृहविज्ञान, राजनीति विज्ञान, भूगोल विषय शामिल हैं।
इस वर्ष पीजी में हुआ क्रमोन्नत: राजकीय कन्या महाविद्यालय पीपलू को पूर्ववर्ती सरकार के अंतरित बजट में स्नातकोत्तर कॉलेज में क्रमोन्नत किया था। साथ ही एमए भूगोल में प्रवेश भी किए गए थे।
बजट के अभाव में महाविद्यालय के भवन का कार्य पूर्ण होने में देरी हुई है। जल्द से जल्द कार्य पूर्ण करवाया जाएगा। साथ ही कार्य की गुणवत्ता की समय-समय पर जांच की जा रही है।
रामगोपाल सेवलिया, सहायक अभियंता, पीडब्ल्यूडी, पीपलू