
पतंगबाजी। पत्रिका फाइल फोटो
टोंक। राजस्थान के टोंक जिले में लोक स्वास्थ्य सुरक्षा, पशु-पक्षियों की सुरक्षा और विद्युत प्रसारण व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए जिला मजिस्ट्रेट कल्पना अग्रवाल ने धातु निर्मित मांझे के उपयोग पर कड़ा प्रतिबंध लगाया है।
आदेश के अनुसार अब टोंक जिले में धातु, नायलॉन, प्लास्टिक एवं सिंथेटिक सामग्री से बने पतंग उड़ाने वाले मांझे की थोक और खुदरा बिक्री के साथ-साथ उसके उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश 31 जनवरी 2026 तक प्रभावी रहेगा। आदेश के तहत चाइनीज मांझा, जो आयरन पाउडर, ग्लास पाउडर एवं अन्य विषाक्त सामग्री से निर्मित होता है, उसके उपयोग पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
आदेश में पतंगबाजी के लिए समय सीमा भी निर्धारित की गई है। इसके अनुसार अब प्रात: 6 से 8 बजे तथा सायं 5 से 7 बजे तक पतंगबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। आदेश की अवहेलना या उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 223 के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
27 Dec 2025 09:07 am
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