टोंक के पहाड़ी क्षेत्र की ओर रहने वाले लोगों ने बताया कि वो पिछले कई साल से पहाड़ के निकट रहते हैं। मगर पहले पालतू पशुओं का ऐसा शिकार नहीं देखा है।
राजस्थान के टोंक के बीसलपुर वन क्षेत्र के साथ ही राजमहल पहाड़ी क्षेत्र में पैंथर जैसे वन्यजीव की हलचल से पशु पालकों व ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। गांव की बस्तियों में पिछले कुछ दिनों से आए दिन अज्ञात वन्य जीव के हमले से कई पालतू पशु अकाल मौत का ग्रास बन चुके हैं।
रविवार देर रात को भी वन्यजीव ने बाड़े में बंधे एक बछड़े को ले जाकर करीब पांच सौ मीटर की ऊंचाई पर पहाड़ी क्षेत्र में मार गिराया। पशु पालक बन्ना लाल व रणवीर ने बताया कि इससे पूर्व भी बाड़े से उसकी चार बकरियों को शिकार बना चुका है। रविवार को उन्होंने वन क्षेत्र में बछड़े को तलाश किया तो पहाड़ के करीब पांच मीटर ऊंचाई पर झाड़ियों के बीच बछड़ा मृत अवस्था में मिला।
पहाड़ी क्षेत्र की ओर रहने वाले लोगों ने बताया कि वो पिछले कई साल से पहाड़ के निकट रहते हैं। मगर पहले पालतू पशुओं का ऐसा शिकार नहीं देखा है। श्वानों की ओर से जरूर बकरियों पर कभी कभार हमला होता था। मगर वो भी जरा सी आवाज पर भाग जाते थे। आए दिन रात को बाड़ों से मवेशियों के गायब होने को लेकर वो आश्चर्यचकित थे। मगर पिछले कुछ दिनों से पालतू पशुओं पर हमला हो रहा है। ऐसे में लोगों में भी दहशत का माहौल बना हुआ है, जिसके बारे में वन विभाग के अधिकारियों को भी अवगत करवाया गया है। मगर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
लोगों ने बताया कि बाड़े से निकालकर बछड़े को घसीटते हुए कांटों व झाड़ियों से होकर करीब पांच सौ मीटर की ऊंचाई पर ले जाना सियार व श्वान आदि के बस की बात नहीं है। बाड़े से घटनास्थल तक घसीटने आदि के निशान भी मिले हैं। वहीं बीच-बीच में पैंथर जैसे वन्यजीव के पदचिन्ह भी पाए गए हैं।
बीसलपुर वन क्षेत्र में डेढ़ कांकरी, ज्वालामुखी मंदिर, शिलाबारी दह, बीसलपुर बांध सड़क मार्ग आदि जगहों पर ग्रामीणों ने पैंथर की हलचल देखी है, जबकि वन विभाग के अधिकारी वन क्षेत्र में पैंथर के होने से इंकार कर अपनी जिम्मेदारी से दूर भागते नजर आते हैं।
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वन नाके के निकट पहाड़ी क्षेत्र में पैंथर जैसे वन्य जीव की ओर से पालतू पशुओं का शिकार करने जैसा मामला जानकारी में आया है। जल्दी ही सीसीटीवी कैमरे लगाकर या अन्य उपकरणों से पत्ता लगाकर वन्य जीव को पकड़ने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाने का प्रयास करेंगे, जिससे अन्य जनहानि से बचा जा सके।
मारिया साइन, जिला उपवन संरक्षक टोंक