KBC 17: अमिताभ बच्चन के पॉपुलर शो 'कौन बनेगा करोड़पति' के 17वें सीजन का आगाज हो गया है। इसी एपिसोड में KBC 17 के पहले स्पेशल एपिसोड जो 15 अगस्त को टेलीकास्ट होगा का प्रोमो रिलीज हुआ जिसको "स्वतंत्रता दिवस महा उत्सव स्पेशल" नाम से प्रसारित किया जाएगा। प्रोमो के रिलीज के बाद से ही कॉन्ट्रोवर्सी स्टार्ट हो गई है।
KBC 17: बीते 11 अगस्त को अमिताभ बच्चन के पॉपुलर शो 'कौन बनेगा करोड़पति' के 17वें सीजन का आगाज हो गया है। इसी के साथ ही KBC 17 के पहले स्पेशल एपिसोड का जो 15 अगस्त को टेलीकास्ट होगा का प्रोमो का टीज़र ऑनलाइन शेयर किया गया। इस एपिसोड को "स्वतंत्रता दिवस महा उत्सव स्पेशल" नाम से प्रसारित किया जाएगा। इसमें भारतीय सेना की महिला शक्ति को रिप्रेजेंट करने के लिए भारतीय नौसेना की कमांडर प्रेरणा देवस्थली और 'Operation Sindoor' की प्रेस ब्रीफिंग को लीड करने वाली इंडियन आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और इंडियन एयर फोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर नजर आएंगी।
आपको बता दें कि "स्वतंत्रता दिवस महा उत्सव स्पेशल" एपिसोड अब कंट्रोवर्सी का शिकार हो रहा है क्योंकि इसमें इंडियन आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी ने बिग बी को बताया, “पाकिस्तान ये करता चला आ रहा है, तो जवाब देना बनता था।” इसके साथ ही कर्नल सोफिया कुरैशी ने अमिताभ बच्चन को इस पूरे ऑपरेशन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने ये भी कहा, "ये एक नया भारत नई सोच के साथ है।" मगर सोशल मीडिया पर अब ये बहस छिड़ गई है कि इस तरह से देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसके अलावा ये तीनों महिलाएं ही अपनी-अपनी यूनिफार्म में शो में नज़र आ रही हैं। इसका भी जमकर विरोध हो रहा है।
सोशल मीडिया यूजर्स इस तरह से रियलिटी शो में ऑपरेशन सिंदूर की प्रमुख किरदारों इन बहादुर महिलाओं की उपस्थिति से खुश नजर नहीं आ रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा, "क्या आपने किसी भी किसी भी देश में सैन्य अभियान के बाद ऐसा कुछ देखा है? सेवा में किसी को इसकी इजाज़त कैसे दी जा सकती है? मौजूदा सरकार बेशर्मी से हमारी सेनाओं का इस्तेमाल अपनी राजनीति और झूठे राष्ट्रवाद के लिए कर रही है।"
वहीं,एक यूजर ने लिखा कि क्या सशस्त्र बलों का प्रोटोकॉल अधिकारियों को KBC जैसे रियलिटी शो में आने की अनुमति देता है।
उन्होंने लिखा, "भारतीय सशस्त्र बलों का एक प्रोटोकॉल, एक गरिमा और सर्वोच्च सम्मान है। राजनेता अपने निजी फायदे के लिए इसे बर्बाद कर रहे हैं।"
जबकि एक ने लिखा, "हमारी सेना पवित्र थी, राजनीति से ऊपर, जनसंपर्क से परे। हमारी सेनाएं राष्ट्र की रक्षा के लिए हैं, किसी राजनेता के ब्रांड की नहीं।"
सेना के यूनिफार्म नियमों के अनुसार, आधिकारिक वर्दी सांस्कृतिक कार्यक्रमों या सामाजिक समारोहों में, सार्वजनिक स्थानों, रेस्टोरेंट या नागरिक यात्राओं के दौरान तब तक नहीं पहनी जा सकती जब तक कि कमांडिंग ऑफिसर द्वारा लिखित अनुमति न दी जाए। यह गैर-आधिकारिक, गैर-मान्यता प्राप्त गतिविधियों के दौरान भी वर्दी पहनने पर प्रतिबंध लगाता है।