वजह: गैस एजेंसियों के पास डेटा नहीं, सरकार राशन डीलर के भरोसे, लाभार्थियों का डेटा राशन डीलर्स से कराया जाएगा सीडिंग
उदयपुर. राज्य सरकार ने सस्ता गैस सिलेंडर देने की योजना का दायरा बढ़ाते हुए खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को भी शामिल किया है। नए सिरे से योजना सितम्बर से शुरू हो गई, लेकिन उदयपुर जिले में खाद्य सुरक्षा के 4.20 लाख लाभार्थियों को बिना पंजीयन सस्ता गैस सिलेंडर नहीं मिलेगा। वजह यह है कि गैस एजेंसियों के पास नए लाभार्थियों का डेटा नहीं है। ऐसे में अब सरकार राशन डीलर के भरोसे है, जिनसे लाभार्थियों का डेटा सीडिंग करवाया जाएगा। यह प्रक्रिया मंगलवार को शुरू होगी, जो नवम्बर अंत तक चलेगी। रसोई गैस सिलेंडर 450 रुपए में लेने के लिए उपभोक्ताओं को आधार नम्बर और गैस कनेक्शन की जानकारी देनी होगी। इसके लिए उपभोक्ताओं को राशन डीलर के पास जाकर पीओएस मशीन में डाटा फीडिंग करवाना होगा। ऐसा नहीं होने पर सस्ता सिलेंडर नहीं मिल पाएगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े परिवारों को सरकार की ओर से 450 रुपए में सिलेंडर उपलब्ध करवाना था। सरकार ने एक सितंबर से योजना शुरू कर दी, लेकिन इसका लाभ अब तक परिवारों को नहीं मिल रहा है।
राज्य सरकार ने तेल कम्पनियों (आईओसीएल, पीसीएल और एचपीसीएल) से प्रदेश के सभी गैस उपभोक्ताओं का कनेक्शन नम्बर और आधार नम्बर की डिटेल मांगी थी। कम्पनियों ने यह डाटा सरकार से शेयर करने से इनकार कर दिया। डेटा नहीं मिलने से योजना का लाभ पात्र परिवारों को अब तक नहीं मिल पाया।
राज्य सरकार ने सितंबर से योजना की शुरुआत की थी। तब इस संबंध में विभाग ने जो गाइडलाइन जारी की थी, उसमें इन परिवारों को गैस कनेक्शन और बैंक खाते को आधार से लिंक करवाने के निर्देश दिए थे। ये कहां लिंक करवाने थे, इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं था।
अगर सभी 68 लाख परिवार सिलेंडर लेते हैं तो सरकार पर करीब 200 करोड़ रुपए का भार आएगा। अभी तेल कंपनियां सामान्य परिवारों को 14.5 किलो का घरेलू रसोई गैस सिलेंडर 806.50 रुपए में उपलब्ध करवा रही है। वहीं केंद्र सरकार उज्ज्वला कनेक्शनधारियों को 200 रुपए की सब्सिडी देती है। नए लाभार्थियों को भी बैंक खाते में सब्सिडी मिलेगी।
खाद्य सुरक्षा के तहत सीडिंग करेंगे। नवम्बर में चलेगा। ई-केवायसी चल रही है। दायरा बढ़ा है, उज्जवला योजना और खाद्य सुरक्षा को भी दिया जाएगा। उज्ज्वला वाला खाद्य सुरक्षा में होना जरूरी नहीं है। साथ-साथ हो जाएगा।
मनीष भटनागर, डीएसओ, उदयपुर