Child Marriage: शिक्षा, जागरूकता और सरकारी प्रयासों से राजस्थान में बाल विवाह पर अंकुश लगाया जा रहा है। तीन साल में 53 किशोरियों ने कोर्ट से विवाह शून्य करवाया। राजस्थान में अब तक 2200 से अधिक विवाह रुकवाए गए। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी हालात सुधर रहे हैं।
Child Marriage: उदयपुर: शिक्षा में बढ़ोतरी, जागरूकता, स्वास्थ्य सजगता और सरकारी प्रयासों से बाल विवाह के खिलाफ बेटियों में जागृति आई है। अब किशोरियां अपनी मर्जी के खिलाफ बाल विवाह का दंश झेलने को तैयार नहीं हैं। किशोरियां खुद शिकायत कर शादी रुकवा रही हैं और परिजनों की जिद पर मासूम उम्र में हुई भूल को वे बंधन मानने को तैयार नहीं हैं।
वे युवा होने पर कोर्ट की चौखट पर जाकर रिश्तों की डोर तोड़ रही हैं। कभी बाल विवाह के कलंक से दागदार राजस्थान में 3 साल में 53 बालिकाओं ने बाल विवाह शून्य करवाकर नई राह चुनी है। बेटियों की इस कदम से देशभर में बाल विवाह शून्य करवाने में राजस्थान पहले स्थान पर है, जहां सर्वाधिक बालिकाओं ने हिम्मत दिखाई। वहीं, मप्र और छत्तीसगढ़ में भी हालात बदल रहे हैं।
हाल ही में जोधपुर जिले की पारिवारिक न्यायालय ने एक और बालिका का बाल विवाह शून्य घोषित किया। इससे पहले मेवाड़ में राजसमंद, चित्तौड़गढ़ और उदयपुर की तीन बालिकाओं ने अदालत में बयान देकर इस बंधन से मुक्ति पाई है। सर्वाधिक जोधपुर संभाग की बालिकाओं के विवाह शून्य हुए।
बीते तीन साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो अब तक राज्य में अब तक न्यायालयों ने 53 बाल विवाह शून्य घोषित किए हैं। जबकि 2200 से अधिक विवाह रुकवाए गए।
उदयपुर : 14 साल की बालिका ने पति की प्रताड़ना से तंग आकर घर छोड़ा। परिजन ने दूसरा विवाह तय कर दिया। संस्था की मदद से अदालत पहुंची और विवाह शून्य करवा लिया।
राजसमंद : 15 वर्षीय किशोरी आटा-साटा के चलते विवाह हुआ, लेकिन पति ने मारपीट की। कोर्ट के जरिए विवाह खत्म कर दिया।
चित्तौड़गढ़ : बालिका का 13 साल की उम्र में विवाह, बाद में परिजनों ने बेच दिया। वह भागकर बालिका गृह पहुंची। न्यायालय ने विवाह निरस्त किया।
बाल विवाह विरोधी जागरुकता के लिए काम कर रहीं डॉ. कृति भारती के अनुसार, मध्यप्रदेश में भी दो मामलों में अदालत से बाल विवाह शून्य करवाया गया। वैसे मप्र में परिजनों को समझा-बुझाकर बाल विवाह से रोका जा रहा है।
सरकार ने 2024 में बाल विवाह मुक्त राज्य बनाने का अभियान शुरू किया था। सरकारी साइट के अनुसार, कुल 395 बाल विवाह समझा बुझाकर तथा 30 को प्रशासनिक कार्रवाई कर रोका गया।
राजस्थान में 52 बाल विवाह शून्य करवाए, 2200 से अधिक बाल विवाह रुकवाए हैं। यहां तीन दिन में दो बाल विवाह निरस्त करवाने का भी रिकॉर्ड बना है। राजस्थान के बाद अब मध्यप्रदेश में कुछ बाल विवाह निरस्त हुए है।
-डॉ. कृति भारती, सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक, जोधपुर