उदयपुर

Eye Donation: बुझी आंखों के लिए उम्मीद की किरण बना राजस्थान, हजारों लोगों ने देखी दुनिया

नेत्रदान महादान है, क्योंकि दुनिया को अलविदा कहने के बाद नेत्रदान करने वालों की आंखें जरूरतमंदों के काम आ सकती है। राजस्थान नेत्रदान के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

2 min read
राजस्थान में नेत्रदान के प्रति बढ़ रही जागरूकता, पत्रिका फोटो

पंकज वैष्णव

नेत्रदान महादान है, क्योंकि दुनिया को अलविदा कहने के बाद नेत्रदान करने वालों की आंखें जरूरतमंदों के काम आ सकती है। राजस्थान नेत्रदान के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछले दो साल की स्थिति देखें तो राज्य में 5 हजार से ज्यादा नेत्रदान हुए हैं। इससे पहले सिर्फ अंगदान में ही प्रदेश को अग्रणी माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों में नेत्रदान का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है, वहीं दान किए गए नेत्रों की उपयोगिता दर भी बढ़ी है।

पड़ोसी राज्यों को भी मदद

राजस्थान के विभिन्न जिलों से जयपुर बैंक के पास प्रतिमाह 120 यानी वर्ष में करीब 1450 कॉर्निया पहुंचते हैं। राज्य में नेत्रदान के माध्यम से कॉर्निया डोनेट करने वाले लोगों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में इजाफा हुआ है। हर साल अधिकाधिक लोग कॉर्निया डोनेट कर रहे हैं। इसके बाद राजस्थान ही नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के जरुरतमंदों को भी नई रोशनी दी जा रही है।

दस साल में दुगुना हुआ आंकड़ा

आइ बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान नेत्रदान के प्रति जागरूक कर रहा है। निरंतर प्रयास किया जा रहा है कि अधिकाधिक लोग नेत्रदान से जुड़े, ताकि लोगों के जीवन में रोशनी लाई जा सके। पिछले कुछ सालों में आइ बैंक सोसायटी के इस प्रयास से राजस्थान ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों के लोगों को भी रोशनी मिली है। पिछले 10 सालों में कॉर्निया कलेक्शन और ट्रांसप्लांट लगभग दुगुने हुए हैं। दस साल पहले कॉर्निया कलेक्शन करीब एक हजार था, जो अब करीब 2000 हो चुका है।

उदयपुर से भी अहम योगदान

उदयपुर ने अब तक प्रदेश के एक हजार लोगों को दृष्टि दी है। यहां हर साल औसतन 50 नेत्रदान हो रहे हैं, वहीं हर साल उदयपुर में 12 से 15 आंखों को ज्योति मिल रही है। उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल में चल रहा आई चैप्टर प्रदेश की आइ बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान जयपुर को 17 साल में 1000 से ज्यादा कॉर्निया भेज चुका है, जिससे 300 से ज्यादा लोगों का अंधापन दूर कर चुका है।

जिला देहदान नेत्रदान
जयपुर 100 5211
जोधपुर 48 444
उदयपुर 38 186
कोटा 15 359
अलवर 00 216
पाली 07 160
भीलवाड़ा 11 96
बांसवाड़ा 41 20
चित्तौड़गढ़ 04 44
श्रीगंगानगर 1017
भरतपुर 11 00
बीकानेर 16 95
हनुमानगढ़ 13 00
बाड़मेर 03 00
Published on:
26 May 2025 09:47 am
Also Read
View All

अगली खबर