Electricity Rate Update : राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत। विद्युत निगम बैकफुट में आ गए हैं। इसके बाद निगमों ने संशोधित याचिका पेश की है। नियामक आयोग 9 से 11 जून के बीच सुनवाई करेगा। फैसला क्या होता है अब उसका इंतजार करें राजस्थान के बिजली उपभोक्ता।
पंकज वैष्णव
Electricity Rate Update : राजस्थान में इस साल की प्रस्तावित बिजली दरों की याचिका में बदलाव किया गया है। पहले दरों में बढ़ोतरी को लेकर पेश याचिका को लेकर विरोध हो रहा था। राजस्थान पत्रिका ने इस मामले को लेकर लगातार समाचार प्रकाशित किए। इसके बाद विद्युत निगमों ने नियामक आयोग में संशोधित याचिका पेश की है, जिसमें प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को राहत दी गई है। विद्युत वितरण निगमों की ओर से विनियामक आयोग में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए याचिका पेश की गई थी। संशोधित याचिकाओं पर आयोग 9 से 11 जून के बीच सुनवाई करेगा।
स्थाई प्रभार की दरों में वृद्धि के बजाय कम करने की जरूरत थी। ईवी चार्जिंग स्टेशन पर स्थाई प्रभार बढ़ाने के बजाय कम करना था। व्हीलिंग चार्ज व क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज में वृद्धि के बजाय समाप्त करने की आवश्यकता थी।
एलटी : प्रति एचपी प्रति माह 40 से बढ़ाकर 45 रुपए।
एचटी : प्रति केवीए प्रति माह 135 से बढ़ाकर 150 रुपए।
व्हीलिंग चार्ज 11 केवी/यूनिट 0.74 से बढ़ाकर 0.89 रुपए।
व्हीलिंग चार्ज 33 केवी पर प्रति यूनिट 0.14 से बढ़ाकर 0.15 रुपए।
क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज प्रति यूनिट 1.62 से बढ़ाकर 1.63 रुपए।
एवीवीएनएल ने राजस्व अधिशेष 3390 करोड़ से कम करके 3223 करोड़ किए।
1- घरेलू बिजली के मासिक 50 यूनिट तक पर पहले 6 रुपए प्रति यूनिट थी, जिसे कम कर 4.75 रुपए प्रति यूनिट किया गया।
2- मासिक 100 यूनिट उपभोग वाले घरेलू उपभोक्ता से विनियामक प्रभार 1 रुपए से कम करके 70 पैसे यूनिट किया है।
3- व्यावसायिक श्रेणी में 500 यूनिट प्रतिमाह से अधिक उपभोग पर प्रति केवीए, प्रतिमाह की दर 350 से कम करके 320 की।
4- मध्यम श्रेणी के उद्योग (एलटी) के लिए भी बदलाव किया। प्रति केवीए प्रति माह की दर 375 से कम करके 275 रुपए की गई है।
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग में 9 से 11 जून तक सुनवाई होनी है। इससे पहले सुझाव मांगे गए हैं। घरेलू और मध्यम उद्योग श्रेणियों में प्रस्तावित दर वृद्धि में कुछ राहत दी गई है। एक रुपए प्रति यूनिट के भारी विनियामक प्रभार के प्रस्ताव को रद्द करने, ईंधन अधिभार की दर कम करने पर उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। सुरक्षा, प्रशिक्षण जन शिक्षण आदि पर अधिक ध्यान देकर विद्युत दुर्घटनाओं में कमी लाने का प्रयास करना चाहिए।
वाई.के. बोलिया, रिटायर्ड एसइ व ऊर्जा सलाहकार