RERC New Update : राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग (आरइआरसी) ने आगामी 1 अप्रेल से अगले 5 साल के लिए विद्युत टैरिफ विनियम-2025 जारी कर दिया। आदेश में कोयला और बिजली खरीद एडजस्टमेंट चार्ज लगाया है, जो सभी को प्रभावित करेगा। जानें और क्या है?
RERC New Update : राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने पांच साल के लिए टैरिफ आदेश जारी किया है। इसमें वे सब सुझाव नकार दिए, जो जनता के हित में दिए थे, जबकि विद्युत निगमों के हित को ध्यान में रखते हुए आदेश जारी किया है। आदेश में कोयला और बिजली खरीद एडजस्टमेंट चार्ज लगाया है, जो सभी को प्रभावित करेगा।
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग (आरइआरसी) ने आगामी एक अप्रेल से अगले 5 साल के लिए विद्युत टैरिफ विनियम-2025 जारी कर दिया। इसका ड्राफ्ट 27 नवबर को जारी कर सभी उपभोक्ता वर्गों से 27 दिसबर तक सुझाव मांगे थे। इस पर प्रदेश के विद्युत निगमों सहित 41 संस्थाओं ने सुझाव दिए थे। इस पर 27 दिसबर को सुनवाई होने के बाद अब आदेश जारी किया है। नए नियम जारी होने से पहले चल रहे विनियम 2019 के प्रावधान में कुछ वृद्धि की है। जनता की ओर से दिए अधिकांश जनहित के सुझावों को नकारा है।
नए विनियम की धारा-87 में लिखे ईंधन व विद्युत क्रय समायोजन अधिभार सभी उपभोक्ताओं को सर्वाधिक प्रभावित करेगा। वर्तमान में स्वीकृत टैरिफ के अलावा वसूले जा रहे यूल सरचार्ज को यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज का नाम दिया है। इसमें औसत बिजली खरीद दर की अधिकतम सीमा को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया है।
नए आदेश में यूल सरचार्ज में संशोधन विद्युत उपभोक्ताओं, औद्योगिक इकाइयों के लिए चिंताजनक है। पहले तिमाही आधार पर यूल सरचार्ज के नाम पर वसूली होती थी, जिससे उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी से बचाने के लिए पिछले टैरिफ आदेश में यूल सरचार्ज की औसत मासिक राशि बेस यूल सरचार्ज नाम से वसूली होती रही है। नए आदेश में भी यह प्रावधान रखा है।
1- यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज आयोग की ओर से स्वीकृत बिजली दरों के सन्दर्भ में ईंधन का मूल्य, बिजली खरीद दर में बदलाव से हुई बढ़ोतरी के समायोजन के लिए होगा।
2- यह अधिभार बिना सुनवाई के डिस्कॉम को खुद ही लगाने का अधिकार दिया गया, जबकि इससे पहले तक के नियम में बिना सुनवाई के डिस्कॉम को अधिभार लगाने का अधिकार नहीं दिया था।
3- बिलिंग माह में स्वीकृत टैरिफ के वेरिएबल कंपोनेंट के 20 प्रतिशत से अधिक होने पर डिस्कॉम यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज को अधिकतम 3 माह तक आगे ले सकेगा।
4- यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज आगे लेने पर अगले टैरिफ साइकल या एक साल में वसूल करना होगा। जिस पर बैंक की वार्षिक ब्याज दर लगेगी।
5- यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज 5 प्रतिशत तक होने पर डिस्कॉम स्वत: वसूल कर सकेगा। पांच प्रतिशत से अधिक होने पर शेष का 90 प्रतिशत स्वत: वसूला जा सकेगा।
6- साल 2024-25 के ईंधन अधिभार का मासिक औसत साल 2025-26 में हर माह आधार ईंधन अधिभार के रूप में वसूला जायगा। इसे अंतिम ईंधन अधिभार में समायोजित किया जाएगा।
कुछ बिजली घरों की इन एफिसिएंसी और अनावश्यक कोयला आयात से ईंधन कीमत बढ़ती है। बिजली खरीद दर में वेरिएबल कोस्ट को भी जोड़कर यूल व पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज का नया नाम दिया है। अधिकतम दर सीमा को वार्षिक औसत बिजली खरीद दर के 20 प्रतिशत तक बढ़ाने व इससे अधिक की राशि को बाद में वसूली के अधिकार का किया गया संशोधन अनुचित है। वर्तमान दर पर 80 पैसे प्रति यूनिट से भी अधिक की भारी दर उद्योग के लिए विरोधी होगा। संशोधन को पूर्णतया निरस्त कर बेस यूल सरचार्ज के खर्च को वार्षिक टैरिफ में ही जोड़ा जाए। सालभर एक समान दर से बिलिंग हो।
इंजि. वाई.के. बोलिया, रिटायर्ड एसइ व ऊर्जा सलाहकार