उदयपुर में अपात्र लोगों से खाद्य सुरक्षा का लाभ छुड़वाने का अभियान तेज हो गया है। अब तक 578 को नोटिस जारी हो चुके हैं। फोर व्हीलर मालिकों के डेटा जुटाकर कार्रवाई होगी। 32,252 लोगों ने अब तक स्वेच्छा से लाभ छोड़ा है।
उदयपुर: खाद्य सुरक्षा के तहत बेझा लाभ लेने वालों से अब तक अपील करके लाभ छुड़वाया जा रहा था, लेकिन अब सती से नकेल कसने की तैयारी कर ली गई है। राज्य सरकार ने रसद विभागीय अधिकारियों को राशन दुकानों की आकस्मिक जांच करने के निर्देश दिए हैं।
वहीं, आरटीओ से फोर व्हीलर मालिकों के डेटा जुटाए जा रहे हैं। अगर कोई फोर व्हीलर मालिक सरकार की खाद्य सुरक्षा योजना का बेझा लाभ लेता पाया गया तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य विभाग की ओर से जल्द ही परिवहन विभाग से फोर व्हीलर मालिकों का डेटा जुटाकर खाद्य सुरक्षा में चयनित अपात्र लोगों को नोटिस जारी किए जाएंगे। अभियान में अब प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान पर खाद्य विभाग के प्रवर्तन अधिकारी और प्रवर्तन निरीक्षकों को औचक निरीक्षण करने के साथ ही खाद्य सुरक्षा में चयनित अपात्र लोगों को नोटिस जारी किए जाने के आदेश दिए गए हैं। जिले में अब तक 578 अपात्र लोगों को नोटिस जारी किए गए, जिनसे वसूली की कार्रवाई होगी।
गिवअप अभियान की शुरुआत 1 नवबर 2024 को की गई थी। इसके बाद हर माह तारीख बढ़ती रही। हाल ही में अवधि 31 अगस्त तक बढ़ाई गई है। खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित अपात्र लाभार्थियों को नोटिस जारी करने और वसूली की चेतावनी से संबंधित खाद्य विभाग की ओर से निर्देश दिए गए हैं।
-22.32 लाख लोगों ने प्रदेश में स्वेच्छा से छोड़ा लाभ
-409.39·करोड़ सालाना भार कम होगा राज्य सरकार पर
-8130 कुल आवेदन मिले उदयपुर जिले में गिवअप में
-250 से अधिक कर्मचारी दिन-रात जुटे कार्य में
-32,252 लोगों ने लाभ छोड़ा है उदयपुर जिले में अब तक
-वे परिवार, जिसमें कोई व्यक्ति आयकरदाता हो, योजना का लाभ छोड़ना है।
-परिवार का सदस्य सरकारी/अर्द्ध सरकारी/स्वायत्तशासी संस्थाओं में कर्मचारी हो।
-परिवार की एक लाख से अधिक वार्षिक आय हो, उन्हें भी लाभ छोड़ना है।
-परिवार में किसी सदस्य के पास फॉरव्हीलर हो (जीविकोपार्जन वाहन छोड़कर)।
अभियान के तहत अपात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा का लाभ छोड़ने की अपील की गई है। बेझा लाभ लेने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पात्र जरुरतमंद लोगों को लाभ मिल सके, इसी सोच के साथ अभियान चलाया गया है।
-मनीष भटनागर, डीएसओ, उदयपुर