उदयपुर

Rajasthan By Election 2024: कांग्रेस में उठे बगावत के सुर, पूर्व सांसद रघुवीर बोले-जिनको पार्टी की कमान, वे ही फैला रहे गुटबाजी

Rajasthan By Election 2024: सलूम्बर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में रेशमा मीणा का नाम घोषित होते ही बगावत के सुर फूट पड़े हैं।

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Oct 24, 2024

सलूम्बर। सलूम्बर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में रेशमा मीणा का नाम घोषित होते ही बगावत के सुर फूट पड़े हैं। बुधवार देर रात जैसे ही टिकट की घोषणा हुई पूर्व सांसद एवं सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर सिंह मीणा के समर्थकों में मायूसी छा गई। रात को ही ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सलूम्बर लक्ष्मण धारोत और ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सराड़ा गणेश चौधरी सहित अन्य मंडल व प्रकोष्ठ अध्यक्षों ने अपने-अपने इस्तीफे सोशल मीडिया के माध्यम पार्टी के ग्रुप में वायरल कर दिए।

गुरुवार सुबह बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता एवं समर्थक पूर्व सांसद के परसाद गांव स्थित आवास पर पहुंच गए। इस दौरान रघुवीर मीणा ने कहा कि संगठन ने जिनको जिले में पार्टी की कमान सौंप रखी है। वे ही गुटबाजी फैलाने में लगे हुए हैं।

कार्यकर्ताओं के बीच पूर्व सांसद मीणा ने कहा कि पार्टी के खिलाफ निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ने तथा 6 वर्ष तक निष्कासित रेशमा मीणा को टिकट देने के कारण यह नाराजगी बनी है। उन्होंने कहा कि मेवाड़ वागड़ में नेता ऐसे हैं, जिनका मैं नाम नहीं लूंगा, लेकिन वे ऐसी गतिविधियां चला रहे हैं। एक-एक करके ट्राइबल नेताओं को खत्म करने का काम किया जा रहा है।

ऐसी स्थिति रही तो ट्राइबल एरिया में कोई नेता ऊभर कर सामने नहीं आएगा। उन्होंने हाई कमान से आग्रह करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति पर वॉच करें, कुछ लोग खुद पार्टी बन रहे हैं।

मीणा ने जिला अध्यक्ष का नाम नहीं लेकर कहा कि जिनको जिले की कमान दे रखी है, खुद ही पार्टी बनाकर ग्रुप बाजी करते हैं। बड़े कद के लोग भी पार्टी में ग्रुप बाजी कर छोटे कार्यकर्ताओं को निराश कर रहे हैं। जिससे कांग्रेस पार्टी का धीरे-धीरे अस्तित्व खत्म हो जाएगा। इस बीच कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध जताया तथा देहात कांग्रेस हाय-हाय के नारे लगाए। देहात जिला अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आला कमान से प्रत्याशी बदलने की मांग उठाई।

पार्टी में कुछ लोग दलाल किस्म के

पूर्व सांसद रघुवीर मीणा ने कहा कि पार्टी में दलाल किस्म के कुछ लोग हैं। जो निजी स्वार्थों के चलते आला-कमान से गलत-गलत फैसले करवा रहे हैं। यह पूरे संभाग में जनजातीय नेतृत्व को खत्म करने का षडयंत्र है। जिसे बगावत के आरोप में निष्कासित किया गया और वापस बहाल तक नहीं किया, उसे टिकट दे दिया। ये आश्चर्य की बात है। मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं, इसलिए बगावत जैसा कोई विचार मेरे मन में नहीं है। लेकिन इस फैसले से कार्यकर्ताओं में निराशा है।

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