उदयपुर पुलिस ने ऑनलाइन सट्टा नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। मास्टरमाइंड डिस्कॉम कर्मचारी नवल किशोर शर्मा निकला, जो ढाई साल से दुबई से सट्टा चला रहा था। पुलिस ने दो आरोपियों को दबोचा, जबकि नवल अब भी फरार है।
उदयपुर: पुलिस की स्पेशल टीम और अंबामाता थाना पुलिस ने हाल ही में ऑनलाइन सट्टे का पर्दाफाश किया था। खास बात ये कि सट्टे के नेटवर्क का मास्टरमाइंड बिजली निगम का कर्मचारी निकला। वह करीब ढाई साल से नियमित नौकरी के बजाय दुबई से सट्टा चला रहा है। लगातार गैर हाजिर कर्मचारी के प्रति भी अफसरों की सहानुभूति होना भी सभी को चौंका रहा है।
पुलिस कार्रवाई में नामजद हुआ नवरत्न कॉम्पलेक्स निवासी नवल किशोर शर्मा डिस्कॉम के बड़गांव एईएन कार्यालय में तकनीकी सहायक पद पर नियुक्त है। करीब ढाई साल से कार्यालय में उसकी सेवाएं अनियमित है।
गौरतलब है कि अंबामाता थाना पुलिस क्षेत्र के देवाली नीमचखेड़ा क्षेत्र स्थित मकान में ऑनलाइन गेमिंग और सट्टे के कारोबार पर छापा मारा गया था। आरोपी देवाली नीमचखेड़ा निवासी मयंक सिंह रत्नावत को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बांसवाड़ा निवासी अर्पित सिंह चौहान और नवरत्न कॉम्पलेक्स निवासी नवल किशोर शर्मा उर्फ मेडी को भी नामजद किया था।
अर्पित सिंह को भी दबोच लिया गया, जबकि दुबई में बैठा नवल किशोर पुलिस की पहुंच से बाहर है। इस संबंध में नवल किशोर के अधिकारी एईएन से बात की तो वह जवाब देने से बचते रहे।
गिरफ्तार आरोपी मयंक सिंह रत्नावत ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि बांसवाड़ा निवासी अर्पित सिंह चौहान और नवरत्न कॉपलेक्स निवासी नवल किशोर शर्मा उर्फ मेडी के साथ मिलकर डायमंड एक्सचेंज नामक वेबसाइट से क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस आदि खेलों पर ऑनलाइन बेटिंग कराता है। हारने वालों से मिली राशि का 50 प्रतिशत मयंक सिंह और उसके साथी रखते। बाकी नवल किशोर शर्मा को देते।
निगम सूत्रों के अनुसार, आरोपी नवल किशोर साल 2008 से निगम में बतौर टेक्निशियन कार्यरत है। वह बड़गांव एईएन कार्यालय में ही नियुक्त रहा है। निगमकर्मियों ने बताया कि आरोपी अफसरों की शह से ही अब तक निगम में सेवारत है। करीब ढाई साल से खेल कर रहा है, जिसमें वह महीनेभर में आकर साइन करता है। वह अलग अलग बहानों से छुट्टी लेता है। बिना अनुमति के भी वह विदेश जाता रहा है।
संबंधित कर्मचारी बड़गांव एईएन कार्यालय में नियुक्त है। उसके छुट्टी के लिए आवेदन करने की जानकारी है, लेकिन आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने की जानकारी नहीं। वह गैर हाजिर है तो वेतन नहीं बनेगा। नामजद हुआ है तो डिस्कॉम मुख्यालय को सूचित किया जाएगा। नियमानुसार आगे की कार्रवाई होगी।
-केआर मीणा, एसई, उदयपुर सर्कल