पूर्णिमा के इस दिन भद्रा दोपहर 1:32 तक रहेगी, अतः भद्रा प्रारंभ के पूर्व व समाप्ति के पश्चात रक्षा सूत्र बांधना शुभ रहता है।
भाई-बहन के प्रेम के पवित्र बंधन का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व नजदीक है। ये पवित्र पर्व हर सावन माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस बार ये 19 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन पर भद्राकाल और राहुकाल का विशेष ध्यान रखा जाता है। भद्राकाल और राहुकाल में राखी नहीं बांधी जाती क्योंकि इन काल में शुभ कार्य वर्जित है। शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन व होलिका दहन भद्रा में नहीं करना चाहिए। पूर्णिमा के इस दिन भद्रा दोपहर 1:32 तक रहेगी, अतः भद्रा प्रारंभ के पूर्व व समाप्ति के पश्चात रक्षा सूत्र बांधना शुभ रहता है।
सर्वार्थ सिदि्ध योग सुबह 5.53 से
पं. जगदीश दिवाकर के अनुसार रक्षाबंधन पर शुभ योग भी बन रहे हैं। सोमवार के दिन श्रवण नक्षत्र होने से सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5:53 से 8:10 तक रहेगा और रवि योग भी सुबह 5:53 से 8:10 तक रहेगा। वहीं, इस साल भी रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा। रक्षाबंधन पर भद्रा का साया सुबह 5:53 से शुरू होगा, जो दोपहर 1:32 तक रहेगा। भद्रा का वास पाताल लोक में है। ऐसे में इसके बाद राखी बांधी जा सकेगी।
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 18 अगस्त रविवार मध्य रात्रि 3:06 से
पूर्णिमा तिथि समापन : 19 अगस्त सोमवार रात्रि 11:56 तक
उदया तिथि के अनुसार : 19 अगस्त के दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा।
रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त :
चर लाभ अमृत दोपहर 2.15 से शाम 8.27 तक
विशेष मुहूर्त :
दोपहर 1.45 से शाम 4.22 तकफिर प्रदोष काल में शाम 7.30 से रात्रि 9.16 तक मुहूर्त रहेगा