मुक्ताकाशी मंच पर दिखा विभिन्न राज्यों के लोक नृत्यों का सतरंगी संगम
उदयपुर. पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की ओर से शिल्पग्राम में चल रहे दस दिवसीय महोत्सव के तीसरे दिन सोमवार को मुक्ताकाशी मंच पर सैकड़ों दर्शक विभिन्न राज्यों के लोक नृत्यों की प्रस्तुतियों के गवाह बने। छत्तीसगढ़ के लोक कला के प्रतीक पंडवानी गायन की प्रस्तुति से शुरू हुआ। लोक के रंग-लोक के संग का कार्यक्रम जब गुजराती आदिवासी डांस राठवा की धूम के साथ पूर्णता पर पहुंचते-पहुंचते दर्शकों में जोश-उमंग के साथ ही संस्कृति के सम्मान की भावना हिलोरें लेते दिखी। हिमाचल प्रदेश के सिरमौरीनाटी और कर्नाटक के देवी उपासना के नृत्य पूजा कुनिथा ने माहौल भक्ति रस से सराबोर कर दिया। गोवा के देखनी डांस की लयकारी और सुंदर प्रस्तुति ने दर्शकों को मोहित कर दिया। कश्मीर के लोक नृत्य राउफ में नृतकों के सुंदर समन्वय और बुमरो-बुमरो... गीत पर दर्शक खूब झूमे। महाराष्ट्र के लावणी डांस की धून के साथ दर्शक नृतकों से लय मिलाते दिखे। गुजरात के तलवार रास ने जहां देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वाले शहीदों के युद्ध कौशल के प्रदर्शन से दर्शक खूब रोमांचित हुए, तो मणिपुरी लाई हारोबा डांस ने लोगों का मन जीतने के साथ ही खूब तालियां बटोरी।
राजस्थान के बारां जिले के आदिवासी अंचल की जनजाति सहरिया लोक नृत्य ने होली का स्वांग पेशकर अलग छाप छोड़ी। नर्तकों की भाव भंगिमाओं से दर्शक मोहित हो गए। डांस के दौरान कई बार झूमते दिखे। सौरभ भट्ट, आसिफ, महमूद और अभिषेक झांकल का अभिनय बेहतरीन रहा।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया मंगलवार शाम शिल्पग्राम का दौरा करेंगे। वे शिल्पग्राम परिसर का अवलोकन करेंगे। मुक्ताकाशी मंच पर दीप प्रज्जवलन के बाद कला प्रेमियों को संबोधित करेंगे।
बंजारा मंच पर चल रहे कार्यक्रम में संगीत प्रेमी को प्रतिभा दिखाने का मौका मिल रहा है। हर उम्र के मेलार्थी को मंच प्रदान कर रहा है। यह हूक प्रोग्राम 29 दिसंबर तक दोपहर 12 से दोपहर 4 बजे तक चलेगा। प्रस्तुतियों के दौरान सांस्कृतिक प्रश्नोत्तरी लुभा रही है। सही जवाब देने वालों को पुरस्कृत किया जा रहा है।