उदयपुर

Udaipur News: मां-बेटियों के दुपट्टों ने नाव को दिया सहारा तो बची 34 जिंदगियां, खौफ में बोले पर्यटक ‘हमें लगा कि अब हम नहीं बच पाएंगे’

Fateh Sagar Lake Boat Incident: हादसे के दौरान नाव में मौजूद नागपुर के पर्यटक महिलाएं बोली कि नाव तेज अंधड़ का दबाव नहीं सह पाई। नाव इतनी झुक गई कि पलटने में कुछ भी बाकी नहीं रहा।

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May 20, 2025

Udaipur Tourist Boat News: फतहसागर झील में सोमवार शाम हुए वाकये ने हर किसी को चौंका दिया। झील में नाव पलटने की सूचना शहरभर में फैली और लोग चिंतित हो गए। खराब मौसम में भी नाव का संचालन करना संचालक की बड़ी लापरवाही को दर्शाता है।

प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे तो संचालक अपनी लापरवाही छिपाकर अचानक मौसम खराब होने का बहाना बनाने लगा। जबकि, अंधड़ चलने से एक घंटे पहले ही मौसम खराब होता दिख गया था। नाव संचालक की लापरवाही को लेकर जनप्रतिनिधियों और शहरवासियों ने भी आक्रोश जताया है।

पर्यटकों ने बताया कि नाव को पलटने से बचाने के लिए सभी अपनी जगह पर बैठकर एक दूसरे को कसकर पकड़े रहे। बोट ऑपरेटर ने नेहरू गार्डन की दीवार से नाव को बांधने का प्रयास किया, लेकिन रस्सी छोटी थी। ऐसे में नाव में सवार महिलाओं ने दुपट्टे बांधे और रस्सी को दीवार तक पहुंचाया। आखिर नाव को दीवार से बांधकर एक-एक व्यक्ति को नेहरू गार्डन की सीढिय़ों पर उतारा गया।

हमारे हीरो: पर्यटकों को रेस्क्यू कर लाए कैलाश

फतहसागर में हादसे की सूचना पर सिविल डिफेंस की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। पता चला कि बोट संचालक कम्पनी के सभी ऑपरेटर घबराकर भाग छूटे। सिविल डिफेंस के बोट ऑपरेटर कैलाश मेनारिया ने स्थिति संभाली। पावर बोट लेकर उतरे और पर्यटकों तक पहुंचे।

सिविल डिफेंस के बोट ऑपरेटर कैलाश मेनारिया (फोटो: पत्रिका)

खराब मौसम में पर्यटक रेस्क्यू बोट में बैठने को तैयार नहीं थे, लेकिन कैलाश ने भरोसा दिलाकर सुरक्षित पहुंचाने की बात कही तो पर्यटक तैयार हुए। कैलाश ने तीन फेरे लगाकर सभी 34 पर्यटकों को बाहर निकला। कैलाश मेनारिया पूर्व में राज्यस्तर पर वीरता पदक पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। वे प्रदेश में एक मात्र पावर बोट हैंडलिंग लाइसेंस धारी बोट ऑपरेटर है। चार साल के दरमियान 112 लोगों को जिंदा बचाया और 400 से ज्यादा शव निकाल चुके हैं।

चेहरों पर दहशत का दर्द

हादसे के दौरान नाव में मौजूद नागपुर के पर्यटक महिलाएं बोली कि नाव तेज अंधड़ का दबाव नहीं सह पाई। नाव इतनी झुक गई कि पलटने में कुछ भी बाकी नहीं रहा। ज्यादातर लोगों को तैरना नहीं आता था, ऐसे में लगा कि इस स्थिति में नहीं बच पाएंगे। घटना को लेकर सभी लोग घराब गए। महिलाएं चिल्लाने लगी तो बच्चे रोने लगे।

जनप्रतिनिधियों की जुबानी

शहर विधायक ताराचंद जैन, ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने कहा कि घटनाक्रम में नाव संचालक की लापरवाही रही है। पर्यटकों ने खुद समझदारी दिखाकर जान बचाई। जनप्रतिनिधियों ने नांव संचालक का टेंडर निरस्त करने की बात कही। भारतीय जनता मजदूर संघ जिलाध्यक्ष नरेन्द्रसिंह शेखावत ने आरटीओ, डीटीओ से कार्रवाई और नावों की फिटनेस जांच की मांग की।

फतहसागर झील में हादसे के बाद सिविल डिफेंस की टीम ने रेस्क्यू कर सभी को सुरक्षित किनारे पर पहुंचाया (फोटो: पत्रिका)

इनका कहना है…

तेज आंधी आने से यह घटना हुई। यूडीए को हादसे के कारणों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। नाव संचालन जोखिम भरा नहीं, बल्कि नियमानुसार हो। सूर्यास्त बाद या खराब मौसम में संचालन नहीं हो, इसके लिए यूडीए को निर्देश दिए हैं।
नमित मेहता, कलक्टर

Published on:
20 May 2025 11:07 am
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