चौतरफा घेराबंदी: हिंसक जानवरों को मारने या ट्रैंक्यूलाइज करने के कई बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन को दे चुके हैं अंजाम, हैदराबाद में जन्म शफत अली के पिता और दादा भी रहे शूटर
राजस्थान सरकार के लिए सिरदर्द बन चुुके 'आदमखोर' पैंथर को पकड़ने के लिए देश के नामी शूटर शफत अली खान को उदयपुर भेजा गया है। हैदराबाद के शफत अली की टीम ने बुधवार को जंगल का जायजा लेने के बाद अपना मोर्चा संभाल लिया है। उनके अलावा वन विभाग, पुलिस और आर्मी की 10 टीमों ने करीब तीन किलोमीटर के इलाके को पूरी तरह घेर रखा है। रणनीति कामयाब रही तो चौतरफा घिर चुके 'आदमखोर' का अब बचकर निकल पाना मुश्किल है।
गोगुंदा रेंज में पिछले 13 दिन में एक के बाद एक सात जनों को अपना शिकार बनाने वाले 'आदमखोर' पैंथर को पकड़ पाना वन विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। विभाग पैंथर को पकड़े इससे पहले ही वह जगह बदलकर अगले गांव में जाकर दूसरे इंसान को शिकार बना लेता है। इसके चलते मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पवन कुमार उपाध्याय ने पैंथर को मारने के आदेश जारी कर दिए।
जब कोई जानवर इंसान की जिंदगी के लिए खतरा बन जाता है या खुद जानवर की जिंदगी खतरे में आ जाती है तो सरकारें नवाब शफत अली की मदद लेती है। वह एक मान्यता प्राप्त शिकारी व ट्रैंक्यूलाइजिंग एक्सपर्ट हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के बहराइच में आदमखोर भेडि़यों से दहशत के मामले में भी इन्हें बुलाया गया था। वह हिंसक जानवरों को मारने या ट्रैंक्यूलाइज करने के कई बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दे चुके हैं। वे बिहार वाइल्ड लाइफ बोर्ड के सदस्य भी हैं। शफत अली का जन्म हैदराबाद में हुआ। इनके दादा और पिता भी शूटर रह चुके हैं।
हैदराबाद से आए शूटर नवाब शफत अली खान सुबह करीब 11.30 बजे उदयपुर पहुंचे। उन्होंने राठौडो का गुढ़ा पहुंचकर वन अधिकारियों से पैंथर को पकड़ने की रणनीति पर चर्चा की। इसके बाद जंगल और पूर्व में जहां शिकार हुए उन जगहों का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने बुधवार रात को होने वाले ऑपरेशन के लिए अपना ठिकाना तय किया। जहां उन्होंने अपनी टीम के साथ मोर्चा संभाला। उनकी टीम में दो और सहयोगी शामिल हैं।