MP News: डॉक्टरों के अनुसार, पटाखों से निकला सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे रसायन वायु में घुलकर गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं....
MP News: दीपावली की रौनक के बाद उज्जैन की हवा में जहरीला धुआं घुल गया है। बीती रात की आतिशबाजी ने शहर की आबोहवा को बुरी तरह प्रभावित किया। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 318 तक पहुंच गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है। हालांकि दोपहर तक यह घटकर करीब 150 पर पहुंचा, लेकिन प्रदूषण का असर अब लोगों के स्वास्थ्य पर दिखने लगा है। सुबह जब लोग नींद से जागे, तो शहर धुंध की मोटी परत से ढंका नजर आया।
यह कोहरा नहीं, बल्कि आतिशबाजी से निकले धुएं व प्रदूषक कणों की परत थी। कई लोगों ने आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में परेशानी की शिकायत की। खासतौर पर अस्थमा और फेफड़ों के मरीजों की स्थिति बिगड़ने लगी है। अस्पतालों में खांसी और सर्दी-जुकाम के मामलों में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
डॉक्टरों के अनुसार, पटाखों से निकला सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे रसायन वायु में घुलकर गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं। ये कण फेफड़ों में जाकर श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं। विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
पर्यावरण को लेकर चिंता-शहर के प्रदूषण के स्तर में हुई इस वृद्धि ने एक बार फिर पर्यावरण को लेकर चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक हवा की गति तेज नहीं होती, तब तक इन प्रदूषक कणों से निजात मिलना मुश्किल है। फिलहाल, मौसम में आए इस बदलाव और प्रदूषण के कारण शहरवासियों को कुछ और दिनों तक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। प्रशासन ने भी लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।
वही शहर में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है, जिसके चलते तापमान में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। पिछले कुछ दिनों से जहां तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ था, वहीं अब इसमें दो डिग्री की बढ़ोत्तरी के साथ मंगलवार को यह 33 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है।
दिन में तेज धूप और बढ़ी हुई उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया है। जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्त के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान में और भी इजाफा देखने को मिल सकता है। दिन में तेज धूप खिलने के कारण अधिकतम तापमान में यह वृद्धि दर्ज की गई है। सुबह से ही सूरज की तपिश महसूस होने लगती है, जो दोपहर होते-होते और भी तेज हो जाती है। सुबह-शाम सर्दी का अहसास हो रहा है।