उज्जैन

MP के बड़े मंदिर में भिड़े महंत और प्रशासक, शीघ्र दर्शन रसीद पर हंगामा

MP News: 100 रुपए की शीघ्र दर्शन रसीद को लेकर महंत और प्रशासक के बीच जमकर हंगामा हुआ। बहस झूमाझटकी तक पहुंची और आरोप-प्रत्यारोप के बीच भक्त भी हैरान रह गए।

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Sep 07, 2025
mangalnath temple darshan receipt dispute ujjain (फोटो- सोशल मीडिया)

Mangalnath Temple Darshan Receipt Dispute: उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध मंगलनाथ मंदिर में शनिवार दोपहर 2 से 3 बजे के बीच 100 रुपए की शीघ्र दर्शन रसीद को लेकर जमकर हंगामा हुआ। मंदिर के गादीपति महंत राजेंद्र भारती और प्रशासक केके पाठक के बीच व्यवस्था को लेकर बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों पक्ष में झूमाझटकी और अभद्रता हुई। प्रशासक ने महंत पर शासकीय कार्य में बाधा डालने और दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए चिमनगंज थाने में लिखित आवेदन दिया है। (MP News)

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महंत ने थाने में दिया आवेदन

मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 100 रुपए की शीघ्र दर्शन रसीद की व्यवस्था लागू की है। इसके तहत रसीद कटवाने वाले भक्तों को निर्गम द्वार (एक्जिट गेट) से सीधे दर्शन कराए जाते हैं, जिससे उनका समय बचता है। यह प्रक्रिया चल रही थी, तभी मंदिर के महंत राजेंद्र भारती और उनके पुत्र अक्षय वहां पहुंचे और इस व्यवस्था पर आपत्ति जताते हुए रसीदें काटने का विरोध करने लगे। उन्होंने आरोप लगाया कि ये रसीदें गलत तरीके से काटी जा रही है।(MP News)

यह दान की रसीद है, पैसा सीधे मंदिर के खजाने में जाता है- पाठक

पाठक ने बताया कि शीघ्र दर्शन व्यवस्था पारदर्शी है। देश के बड़े मंदिरों जैसे महाकाल, शिर्डी, काशी और तिरुपति बालाजी की तर्ज पर लागू की गई है। दान की रसीद का पैसा सीधे मंदिर के सरकारी खजाने में जमा होता है और विकास कार्यों पर खर्च होता है। भीड़ वाले दिनों में इस व्यवस्था से 60 से 80 हजार रुपए तक की आय होती है। प्रशासक ने आरोप लगाया, शनिवार को भी जब इस व्यवस्था का संचालन कर रहे थे, तो महंत ने आकर विरोध किया। इसकी जानकारी एसडीएम लक्ष्मीनारायण गर्ग और तहसीलदार रूपाली जैन को दी गई. कि मेरे साथ महंत ने झूमाझटकी और अभद्र व्यवहार किया है।

गलत रसीदें काटने से रोका तो विवाद करने लगे- भारती

महंत भारती का कहना है मंदिर में जल्दी दर्शन करने की रसीदें काटी जा रही हैं। इसी अनियमितता को रोकने पहुंचे तो प्रशासक और अन्य अधिकारियों ने उन्हें और पुत्र अक्षय भारती के साथ अभद्रता से बात करते हुए विवाद किया। दर्शन के नाम पर इस तरह की व्यवस्था सही नहीं है। रसीद में एक ही व्यक्ति का नाम लिखा होता है, उसके आगे अन्य सदस्यों के नाम नहीं लिखते हुए प्लस इससे वैमनस्यता उजागर होती है। 3. प्लस 4 लिखते हैं। यह सही नहीं, शासकीय मंदिर होने के नाते वर्षों से इसका ऑडिट क्यों नहीं हुआ। अवैध दर्शन करा रहे हैं, इससे लाइन में खड़े दर्शनार्थियों को आपत्ति होती है। (MP News)

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Published on:
07 Sept 2025 09:04 am
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