mp news: माथे पर चिपकाया धधकता सिक्का, हाथों पर रखीं जलती बत्तियां, अंधविश्वास की रूह कंपा देने वाली घटना..
mp news: तकनीक और अंतरिक्ष की उड़ान भरते २१वीं सदी के भारत में गांव की बेटी अब भी अंधविश्वास की जंजीरों में तड़प रही हैं। अंधविश्वास का एक हैरान कर देने वाला मामला मध्यप्रदेश के उज्जैन से सामने आया है जहां दो साल की बच्ची की मां को परिजन बुरा साया बताकर तंत्र क्रिया करने वाली महिला के पास ले गए। वहां तीन-चार लोगों ने उसे जंजीर से पीटा फिर हाथ पैर पकड़ पहले जलती बत्तियां दोनों हाथ पर रखीं और धधकता सिक्का माथे पर चिपका दिया। दर्द से बेहोश हुई महिला को घर में ही पटक दिया गया। किसी तरह महिला की मां और उसकी मौसी पहुंची और अंधविश्वास की पट्टी बांधे परिजन के चंगुल से छुड़ाकर घर ले गईं। यहां से वे एक उपसरपंच की मदद से उज्जैन पहुंचे।
जूना सोमवारिया क्षेत्र में रहने वाली उर्मिला चौधरी पिता करणसिंह ने बताया कि उसकी शादी 2020 में गौतमपुरा के रहने वाले संजू चौधरी से हुई थी। बेटी हुई तो पति ने विवाद के बाद दूधमुंही बच्ची और उसे मां के घर छोट दिया। मां भी अपने पति से अलग रहती है और अगरबत्ती बनाने का काम करती है। यहां उसकी तबीयत खराब रहने लगी थी। इसी बीच छोटी दादी को मां ने फोन किया कि उर्मिला की तबीयत खराब रहने लगी है। यह बात खाचरौद के श्रीवच्छ गांव में रहने वाले उर्मिला के पिता करणसिंह को पता चली तो उसने बेटी को फोन कर कहा कि गांव में जत्रा लगती है। यहां तुम्हारी झाड़ फूंक करा दूंगा। सप्तमी तिथि 29 सितंबर को वो अपनी दो साल की बेटी को लेकर मां के साथ श्रीवच्छ पहुंच गई। यहां रात 9.30 बजे रिश्ते में लगने वाले काका संतोष चौधरी, राजू चौधरी, कान्हा चौधरी और रितेश चौधरी उसे गांव में तंत्र क्रिया करने वाली सुमाबाई, उसके बेटे कान्हा भील, कन्हैया उर्फ कान्हा और मनोहर भील के पास लेकर पहुंचे। मां और बेटी को एक मंदिर में बाहर छोड़ दिया।
पीड़िता ने बताया कि तंत्र मंत्र करने वाली सुमाबाई एक हाथ में खप्पर और दूसरे में तलवार लेकर पहुंची और कहा कि तेरे साये को उतार देती हूं। बाल पकड़कर उसकी कमर में तलवार की मूठ से मारपीट की। रिश्तेदार रितेश चौधरी जो बता रहा था कि मैं जुझार महाराज हूं, उसने लोहे की जंजीर से पीटा, तभी कान्हा भील जो सामुबाई का लड़का है, उसने अपने आप को काले बापजी बताकर चांटे मारे। बाद में काका कान्हा , राजू, संतोष ने पकड़ा। तभी मनोहर ने उसके हाथ में जलती हुई बत्तियां और कपाल पर धधकता हुआ सिक्का रख दिया। वो चिल्लाती रही चीखती रही पर किसी ने उसकी नहीं सुनी लगातार दागने से वह बेहोश हो गई।बाद में उसकी मां और मोसी मंजू बाई की मदद से गांव के ही घर पर ले गई जहां उसका प्राथमिक उपचार डॉ. अब्बास से करवाया और उपसरपंच की मदद से उज्जैन लेकर आए। पुलिस ने तीन आरोपियों कन्हैया, कान्हा और संतोष चौधरी को गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपी फरार हैं।