MP News: स्कूली छात्र अगर बाइक या अन्य वाहन चलाकर स्कूल पहुंच रहे हैं तो अब स्कूल प्रबंधन की जवाबदारी रहेगी।
MP News: स्कूली छात्र अगर बाइक या अन्य वाहन चलाकर स्कूल पहुंच रहे हैं तो अब स्कूल प्रबंधन की जवाबदारी रहेगी। एसपी प्रदीप शर्मा ने जिले के 120 निजी और शासकीय स्कूलों को सत पत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि नाबालिग छात्रों को बाइक या अन्य मोटर वाहन से स्कूल न आने दिया जाए।
एसपी ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी छात्र को वाहन(Driving License) चलाते हुए पकड़ा गया तो स्कूल प्रबंधन और ट्रांसपोर्ट मैनेजर के खिलाफ सीधे कार्रवाई की जाएगी। अब तक स्कूल प्रशासन इस जिमेदारी से बचता रहा, लेकिन अब उन्हें भी कानून के दायरे में लाया जाएगा।
एसपी ने कहा कि बिना ड्राइविंग लाइसेंस(Driving License) वाहन चलाने वाले छात्र खुद के साथ दूसरों की जान भी जोखिम में डालते हैं। हाल के वर्षों में उज्जैन में कई सड़क दुर्घटनाएं इसी लापरवाही का नतीजा रही हैं। इसमेें स्कूली बच्चों के पैरेंट्स की लापरवाही भी सामने आई। जिसको लेकर स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने गेट पर सख्ती से निगरानी रखें और सुनिश्चित करें कि कोई छात्र बाइक या स्कूटर लेकर न आए। साथ ही अभिभावकों को जागरूक करने के लिए विशेष बैठकें भी आयोजित की जाएं। यह कदम स्कूली बच्चों की सुरक्षा, ट्रैफिक अनुशासन और सड़क हादसों को रोकने के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
पिछले दिनों पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित बैठक में सबसे महत्वपूर्ण फैसला यह लिया गया कि सभी स्कूलों में अब ट्रांसपोर्ट मैनेजर का पद क्रिएट किया जाएगा। इसका उद्देश्य सिर्फ स्कूल बस तक सीमित न होकर, ऑटो, मैजिक, ई-रिक्शा व निजी वाहनों से आने-जाने वाले बच्चों की पूरी जानकारी मेंटेन करना है। ट्रांसपोर्ट मैनेजर की नियुक्ति से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि बच्चे किस वाहन से आते हैं और किस वाहन से वापस जाते हैं। ड्राइवर कौन है, वाहन का पंजीयन नंबर, वाहन की फिटनेस व चालक का पुलिस सत्यापन सभी जानकारियां स्कूल रिकॉर्ड में रहेंगी।
यदि स्कूलों ने निर्देशों का पालन नहीं किया तो उन पर जुर्माना, एफआइआर और लाइसेंस निरस्तीकरण जैसी कार्रवाई भी संभव है। अभिभावकों से भी अपील है कि वे बच्चों को बाइक चलाने की छूट न दें और इस अभियान में सहयोग करें।-प्रदीप शर्मा, एसपी
बैठक में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी हवाला दिया गया था और कहा गया था कि हर स्कूल बस में ये उपकरण अनिवार्य हैं।