उन्नाव में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु के निकट पहुंच गया है। शुक्लागंज के कई मोहल्लों बाढ़ प्रभावित है। 45 परिवारों को खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। हर घंटे गंगा के जलस्तर पर निगरानी रखी जा रही है।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बाढ़ के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी 6 तहसीलों में बाढ़ चौकी और केंद्र स्थापित किए हैं। इसके अतिरिक्त मेडिकल टीम और नाव के व्यवस्थाओं के संबंध में भी जानकारी दी गई है। सबसे अधिक शुक्लागंज में नाव की व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार चेतावनी का जलस्तर 112 मीटर है। जबकि खतरे का निशान 113 मी है। 2023 में गंगा का जलस्तर अधिकतम 113.210 मीटर पहुंचा था। जबकि अभी तक गंगा का जलस्तर अधिकतम 114.075 मीटर पहुंच चुका है।
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार सदर तहसील में 7 बाढ़ केंद्र और चौकी बनाई गई है। यहां पर निजी क्षेत्र से 185 नाव की व्यवस्था की गई है। जबकि जिला प्रशासन ने शुक्लागंज में 10 नावों की व्यवस्था की है।
सफीपुर तहसील में 10 बाढ़ केंद्र और चौकी बनाई गई है। निजी क्षेत्र से यहां पर 27 नावों की व्यवस्था की गई है। जबकि परियर घाट पर पांच नावों को लगाया गया है। बांगरमऊ तहसील में 11 बाढ़ केंद्र और चौकी बनाई गई है। निजी क्षेत्रों से यहां पर 43 नावों की व्यवस्था की गई है। जबकि प्रशासन की तरफ से 6 नावों को लगाया गया है।
बीघापुर तहसील में 6 बाढ़ केंद्र और चौकी बनाई गई है। निजी क्षेत्र से यहां पर 6 नावों की व्यवस्था की गई है। जबकि जिला प्रशासन ने पासनिया खेड़ा में दो नाव को लगाया है। हसनगंज तहसील में आठ बाढ़ केंद्र और चौकी स्थापित की गई है। पुरवा में छह बाढ़ केंद्र और चौकी की स्थापना की गई है। यहां पर निजी क्षेत्र से पांच नावों की व्यवस्था की गई है।
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार सदर तहसील के गोताखोर मोहल्ले में 45 परिवार बाढ़ से प्रभावित हैं। जिन्हें खाद्यान्न किट का वितरण किया जा रहा है। जबकि बांगरमऊ में ग्राम गदनपुर आहार में 200 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि प्रभावित हुई है।
आज सुबह गंगा का जलस्तर 111.960 मीटर पहुंच गया था। जो शाम को घटकर 111.900 मीटर हो गया है। जिला प्रशासन 24 घंटे गंगा नदी के जलस्तर पर निगरानी रख रहा है। हर घंटे की रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।