Rajya Sabha MP Brijlal defended Brahmin MLAsmeeting उन्नाव में राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के अध्यक्ष ने ब्राह्मण विधायकों की बैठकों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अखिलेश यादव को भी आईना दिखाया है।
Rajya Sabha MP Brijlal defended Brahmin MLAs meeting उन्नाव में बीजेपी से राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने ब्राह्मण विधायकों की हुई बैठक को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बैठकें सभी जातियों में होती हैं। वे स्वयं भी दलित हैं। दलितों के हित को लेकर दलित समाज के जनप्रतिनिधियों की बैठक करते रहते हैं। अखिलेश यादव की राजनीति गलत दिशा में हो रही है जो जातिवाद और परिवारवाद की सोच से प्रेरित है।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव पहुंचे अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के अध्यक्ष सांसद बृजलाल ने बताया कि अखिलेश यादव का सपना कभी पूरा नहीं होगा। इस तरह की बैठकें होती रहती हैं। हमारे यहां अनुसूचित मोर्चा और अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा है। पार्लियामेंट में भी इस प्रकार की बैठकें होती हैं। जिनमें मंत्रियों के साथ एससी-एसटी के सांसद भी मौजूद रहते हैं। जिसमें दलित समाज से जुड़ी समस्याओं के विषय में बातचीत होती है। इसलिए ब्राह्मण विधायकों की बैठक कोई गलत नहीं है। अखिलेश यादव की सोच जातिवादी और परिवारवादी है। उन्हें ऐसा कमेंट नहीं करना चाहिए।
दरअसल सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा के ब्राह्मण विधायकों की बैठक को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी की चेतावनी पर तंज कसा था। उन्होंने इसे क्षेत्रीय विधायकों और कुर्मी विधायकों की बैठक से जोड़कर देखा है। अखिलेश यादव ने 'एक्स' पर लिखा था कि "अपनों की महफिल सजे तो जनाब मेहरबान, दूसरों को भेज रहे हैं चेतावनी का फरमान।" इसके साथ ही कफ सिरप के मामले पर भी उन्होंने टिप्पणी की थी।
राज्यसभा सांसद बृजलाल ने कहा कि हम लोग दिल्ली में इस प्रकार की बैठकें करते रहते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं हुआ कि हम लोग पार्टी के खिलाफ जा रहे हैं। हम लोग पार्टी को मजबूत करते हैं। अभी क्षत्रिय समाज के लोगों ने बैठक की थी। चुनाव के पहले जातिगत सम्मेलन भी आयोजित किए जाते हैं। कोरी, लोधी, पासी, कुर्मी समाज की बैठकें होती हैं। यह सामाजिक बैठक है। इनको अन्यथा नहीं लेना चाहिए। अखिलेश यादव परिवारवादी पार्टी भूल जाए। 2027 के चुनाव में भाजपा भारी बहुमत से आएगी। इसका उदाहरण बिहार के चुनाव में मिल चुका है।