UP Shikshamitra Upset शिक्षामित्रों में नाराजगी है। 6 महीने भी जाने के बाद भी समर कैंप का पैसा नहीं दिया गया। संघ के प्रदेश सचिव ने कहा कि ग्रांट आने के बाद भी शिक्षा अधिकारी हीला-हवाली कर रहे हैं।
UP Shikshamitra Upset शिक्षामित्र की समस्याओं का समाधान होता नहीं दिख रहा है। 6 महीने भी जाने के बाद भी समर कैंप में किए गए कार्य का मानदेय शिक्षामित्रों को नहीं दिया गया है। जिससे उनमें नाराजगी है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश सचिव सुधाकर तिवारी ने बताया कि शासन से ग्रांट आने के बाद भी शिक्षामित्रों को मानदेय नहीं दिया गया। मानदेय मिलने में भी देरी होती है। उन्होंने प्रदेश सरकार से शिक्षामित्रों की मूलभूत जरूरत को पूरा करने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र के प्रदेश सचिव सुधाकर तिवारी ने बताया कि शिक्षामित्र से अलग से कार्य कराए जाते हैं। उसकी निश्चित धनराशि भी समय से नहीं दी जाती है। समर कैंप जून महीने में कराया गया था। 6 महीने बीतने के बाद भी अभी तक मानदेय नहीं दिया गया। जिन शिक्षामित्र ने कार्य किया है। उन्हें 6 हजार रुपए दिया जाना है।
सुधाकर तिवारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 143000 शिक्षामित्र हैं। जिसमें प्रदेश के करीब 35000 शिक्षामित्रों ने समर कैंप में भाग लिया था। जिले में इनकी संख्या 1500 है। जिन्होंने समर कैंप में हिस्सा लिया है। जबकि जिले में शिक्षामित्रों की कुल संख्या करीब 3000 है। समर कैंप की ग्रांट आ चुकी है। इसके बाद भी शिक्षा अधिकारियों की हीला-हवाली के कारण शिक्षामित्रों को नहीं मिल पा रही है।
यह समर कैंप गर्मियों की छुट्टी में आयोजित किया गया था। शिक्षामित्र को 11 महीने का मानदेय दिया जाता है। गर्मी की छुट्टी के महीने में शिक्षामित्र को मानदेय नहीं दिया जाता है। शासन से ग्रांट मिलने में भी देरी होती है और यदि ग्रांट मिल भी गया तो जिले स्तर के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा शिक्षामित्रों को उठाना पड़ता है। यह स्थिति पूरे प्रदेश की है।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ की प्रमुख मांगों में समान कार्य समान वेतन है। सुधाकर तिवारी ने बताया कि अधिकांश शिक्षामित्र 40 की उम्र पार कर चुके हैं। ऐसे में उन्हें मेडिकल छुट्टी की सुविधा दी जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षामित्रों के लिए आयुष्मान कार्ड की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक इसका लाभ शिक्षामित्रों को नहीं मिला है। 14 सीएल की भी सुविधा दी जाए।