उन्नाव

मंदिर को लेकर दो पक्षों में तनातनी, भड़काऊ बयान के तूल पकड़ते ही समझौता, अब…

Tension between two communities about temple उन्नाव में मंदिर के जीणोद्धार का विशेष समुदाय के लोगों ने विरोध किया। गैर समुदाय की तरफ से भड़काऊ बयान भी सामने आया। इसके बाद तनाव व्याप्त हो गया। नर सेवा नारायण सेवा के हस्तक्षेप के बाद प्रशासन ने दोनों पक्षों में समझौता कराया। अब मंदिर का जीणोद्धार का रास्ता साफ हो गया है। ‌

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Oct 22, 2024

Tension between two communities about temple उत्तर प्रदेश के उन्नाव में मंदिर निर्माण का विशेष समुदाय के लोगों के विरोध से क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया। गांव में बड़ी संख्या में पुलिस को लगाया गया है। विशेष समुदाय का कहना था कि मंदिर में घंटी की आवाज से उन्हें परेशानी है। इसलिए मंदिर निर्माण नहीं होने देंगे। जबकि हिंदुओं का कहना था कि 70 साल पुराना शिवलिंग है। जिसका जीणोद्धार कराया जा रहा है। विशेष समुदाय का रोकना गलत है। उनकी मस्जिद में बड़ी संख्या में लाउडस्पीकर लगे हैं। जो तेज आवाज में बजता है। उन्होंने इसका कभी विरोध नहीं किया। नर सेवा नारायण सेवा के संस्थापक विमल द्विवेदी ने बताया कि प्रशासन ने दोनों पक्षों में समझौता कराते हुए मंदिर के जीणोद्धार का रास्ता साफ कर दिया है। मामला बीघापुर के रानीपुर गांव का है।

उत्तर प्रदेश के उन्नाव के बीघापुर के रानीपुर गांव में 70 साल पुराना शिव जी का मंदिर है। परिसर में एक चबूतरा भी है। जिसमें धार्मिक और मांगलिक कार्यक्रम भी होते हैं। हिंदू समाज के लोगों ने मंदिर के जीणोद्धार की योजना बनाई। गांव की रहने वाली जनक दुलारी, शिवदेवी, शिव बहादुर आदि ने बताया कि विशेष समुदाय के उत्पीड़न के कारण कई लोग गांव छोड़कर लखनऊ में रहने लगे हैं। शिवजी का मंदिर धोबी समाज की तरफ से बनाया जा रहा है।

क्या कहते हैं नर सेवा नारायण सेवा के संस्थापक?

उन्होंने बताया कि मंदिर से थोड़ी ही दूर पर मस्जिद भी है। जिसमें बड़े-बड़े लाउडस्पीकर लगे हैं। जो तेज आवाज में बजता है। उन्होंने इसका कभी विरोध नहीं किया। लेकिन हमें मंदिर के जीणोद्धार से रोका जा रहा है। ‌नर सेवा नारायण सेवा के संस्थापक विमल द्विवेदी ने बताया कि इस संबंध में प्रशासन से बातचीत की गई। जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन को बीघापुर को दिया गया। जिसमें उन्होंने मंदिर निर्माण करने की मांग की। विमल द्विवेदी के हस्तक्षेप के बाद प्रशासन ने दोनों पक्षों में समझौता कराया। विमल द्विवेदी ने बताया कि प्रशासन की अनुमति के बाद बुधवार से मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा।

Published on:
22 Oct 2024 07:42 pm
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