वाराणसी

Varanasi: 50 दरोगा ऐसे जिन्हे FIR लिखना तक नहीं आता, रिव्यु में 589 में से 145 हुए फेल 

Varanasi Police: वाराणसी में 50 दरोगा ऐसे हैं जिन्हे मुकदमा लिखना तक नहीं आता है। रिव्यु में शामिल हुए 589 में से 145 दरोगा फेल हो गए हैं। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने उन्हें फटकार लगाई है।

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May 17, 2025

Varanasi Police Commissionerate: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने अपने क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली को समझने और उनके जांच के लिए रिव्यु किया। इसमें जो परिणाम रहे वो पुलिस कार्यशैली के अनुसार बेहद निराशाजनक रहें। रिव्यु में शामिल हुए 589 में से 145 दरोगा फेल हो गए वो न्यूनतम अंक 33% भी नहीं पा सके।

कैसे हुआ रिव्यु ? 

दरोगाओं के रिव्यु के लिए 10 पैमाने तय किये गए। इसमें विवेचना निस्तारण, वांछित की गिरफ्तारी, NBW की गिरफ्तारी, IGRS, नोटिस तामील, CCTV लगवाने, लाउडस्पीकर उतरवाने, प्रिवेंटिव गिरफ्तारी, बिना नंबर के वाहन सीज करने, गुड वर्क या खुलासे शामिल थें। इन सबके अलग-अलग अंक निर्धारित किये गए।

इन बिंदुओं पर दरोगाओं का मूल्यांकन:

वर्किंगपूर्णांक
विवेचना निस्तारण20
वारंट की गिरफ्तारी10
NBW में गिरफ्तारी5
IGRS10
नोटिस तामिला5
सीसीटीवी लगवाना5
लाउडस्पीकर उतरवाना5
प्रिवेंटिव गिरफ्तारी10
बिना नंबर के वाहन सीज5
गुड वर्क / खुलासे25

कैसा रहा परफॉरमेंस ? 

रिव्यु में 589 सुब इंस्पेक्टर शामिल हुए। इसमें से 145 दरोगा ऐसे निकले को मिनिमन 33% अंक भी नहीं पा सके। यानी 100 नंबर में कुल 33 नंबर भी उन्हें नहीं मिला। 100 दरोगा ऐसे हैं जिन्हे लोगों के साथ डील करना नहीं आता है और 444 दरोगा एवरेज हैं। रिव्यू में सामने आया कि 50 से ज्यादा दरोगा FIR तक नहीं लिख पाते।

वहीं, एक्स्ट्राऑर्डिनरी परफॉरमेंस और 75% से अधिक अंक पाने वाले 6 दरोगा हैं। ये ‘स्टार परफॉर्मर’ बने, इन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। इनमे मंडुवाडीह थाने के SI राजदर्पण तिवारी और अमरजीत कुमार हैं। रोहनिया थाने के विकास कुमार मौर्य, चेतगंज थाने की मीनू सिंह, कोतवाली थाने की निहारिका साहू और रामनगर थाने की अंशू पांडेय हैं।

खराब परफॉरमेंस वाले पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई 

कार्यशैली में सुधार के लिए ट्रेनिंग के साथ-साथ परेड और फुट पेट्रोलिंग भी कराई जाएगी। इसके अलावा, प्रदर्शन की समीक्षा के आधार पर कमजोर प्रदर्शन करने वाले दरोगाओं को सुधार के लिए प्रत्येक दिन 10-10 दरोगाओं की काउंसलिंग पुलिस कमिश्नर खुद करेंगे। यदि इसके बावजूद कार्यशैली में अपेक्षित सुधार नहीं होता है, तो संबंधित दरोगाओं के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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