Illegal Weapons: वाराणसी में एसटीएफ ने अंतरराज्यीय असलहा तस्करी गिरोह के दो तस्करों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। बिहार के मुंगेर से लाई गई 4 पिस्टल और 7 मैगजीन के साथ पकड़े गए इन तस्करों से हथियार तस्करी के नेटवर्क का खुलासा हुआ है। आगे की कार्रवाई जारी है।
Interstate Arms Smugglers Busted in Varanasi: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ( STF ) ने एक बार फिर अंतरराज्यीय हथियार तस्करों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए दो तस्करों को वाराणसी से गिरफ्तार किया है। इन तस्करों के पास से 4 अवैध पिस्टल (.32 बोर), 7 मैगजीन, 3 मोबाइल फोन और एक टाटा जेस्ट कार बरामद की गई है। यह गिरफ्तारी वाराणसी के लालपुर-पांडेयपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बावन बीघा रिंग रोड अंडरपास के पास की गई।
एसटीएफ को कई दिनों से इनपुट मिल रहे थे कि पूर्वांचल और आसपास के क्षेत्रों में हथियार तस्करों का नेटवर्क सक्रिय है, जो बिहार से हथियार लाकर उत्तर प्रदेश में सप्लाई कर रहे हैं। इसी के आधार पर एसटीएफ की वाराणसी यूनिट ने गुप्त सूचना के आधार पर अपनी कार्यवाही तेज की। निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में चल रही इस जांच को सेना की मिलिट्री इंटेलिजेंस से भी सहयोग प्राप्त हुआ।
17 जुलाई की सुबह विश्वस्त सूत्र से सूचना मिली कि बिहार के कुख्यात हथियार तस्कर गोविन्द साव के कहने पर उसका साथी भोला कुमार साय भारी मात्रा में अवैध असलहे लेकर वाराणसी आ रहा है, जहां उसे समर बहादुर सिंह उर्फ मोनू को सौंपा जाना था। इस सूचना पर एसटीएफ ने फौरन कार्रवाई करते हुए दोनों को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार समर बहादुर सिंह ने पूछताछ में बताया कि वह पहले वाराणसी में वेल्स की कार चलाता था। इसी दौरान उसकी मुलाकात राहुल सिंह नामक व्यक्ति से हुई, जिसने उसे गोविन्द साव से मिलवाया। गोविन्द साव बिहार के मुंगेर का रहने वाला एक कुख्यात हथियार तस्कर है।
समर और राहुल सिंह ने मिलकर हथियारों की तस्करी शुरू की। वर्ष 2023 में समर बहादुर को चंदौली जिले में पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जेल से छूटने के बाद वह फिर गोविन्द साव और उत्तम सिंह (रोहतास, बिहार) के संपर्क में आया और तस्करी का सिलसिला जारी रखा। गोविन्द साव से वह 15,000 रुपये प्रति पिस्टल के हिसाब से हथियार खरीदता था और उन्हें पूर्वांचल व सीमावर्ती बिहार के जिलों में 40,000 से 50,000 रुपये में बेचता था। हर डिलीवरी पर गोविन्द साव भोला कुमार को 3,000 रुपये देता था।
भोला कुमार जो कि बिहार के मुंगेर का रहने वाला है, गोविन्द साव के लिए काम करता है। गोविन्द साव के निर्देश पर ही वह समर बहादुर को हथियार पहुंचाता था। इसी कड़ी में आज भी वह पिस्टल लेकर वाराणसी आया था, जब एसटीएफ ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।
दोनों अभियुक्तों के खिलाफ थाना लालपुर-पांडेयपुर, वाराणसी में मुकदमा संख्या 189/2025, धारा 3/25 आम्र्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। आगे की विधिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।
यह कार्रवाई एसटीएफ की पेशेवर दक्षता और गुप्त सूचनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया का परिणाम है। लगातार सक्रिय रहकर अंतरराज्यीय अपराधियों को दबोचना एसटीएफ की प्राथमिकता बनी हुई है। इस प्रकार की कार्रवाई से पूर्वांचल और उत्तर प्रदेश में हथियारों की तस्करी पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी