11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

UP में छांगुर के धर्मांतरण साम्राज्य का पर्दाफाश, दुबई-नेपाल से करोड़ों की फंडिंग उजागर

ED Busts Massive Conversion Racket in UP:  उत्तर प्रदेश में ईडी की छापेमारी ने धर्मांतरण और हवाला फंडिंग के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। जमालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके सहयोगियों पर दुबई, यूएई और नेपाल से करोड़ों की फंडिंग के जरिए धर्मांतरण कराने का आरोप है। ईडी ने 13 घंटे की छापेमारी में कई अहम सबूत जुटाए हैं।

3 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

Jul 18, 2025

दुबई-नेपाल से करोड़ों की फंडिंग; ईडी ने खंगाला छांगुर का काला साम्राज्य    फोटो सोर्स : Social Media

दुबई-नेपाल से करोड़ों की फंडिंग; ईडी ने खंगाला छांगुर का काला साम्राज्य    फोटो सोर्स : Social Media

UP Jamaluddin Changur Conversion Racket : उत्तर प्रदेश में एक बड़े अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बलरामपुर के अतरौला और मुंबई के कई ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई धर्मांतरण के लिए हवाला और विदेशी फंडिंग के जरिए आए करोड़ों रुपये के इस्तेमाल के आरोपों पर आधारित है। मामले के मुख्य आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके नेटवर्क के खिलाफ जांच एजेंसियां पहले से ही सक्रिय थीं, लेकिन ईडी की इस ताज़ा कार्रवाई ने इस पूरे मामले को एक नई दिशा दे दी है।

106 करोड़ के लेन-देन का खुलासा, 40 बैंक खातों पर नज़र

ईडी को जांच के दौरान 40 बैंक खातों का पता चला है जो सीधे या परोक्ष रूप से छांगुर से जुड़े हुए हैं। इन खातों में कुल ₹106 करोड़ का लेनदेन पाया गया है, जिसमें बड़ी राशि दुबई, यूएई, और नेपाल जैसे देशों से ट्रांसफर की गई है। जांच एजेंसी को आशंका है कि यह फंड धर्मांतरण और देश विरोधी गतिविधियों के लिए प्रयोग किया गया। ईडी ने इस मामले में 9 जुलाई को पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत ईसीआईआर दर्ज किया था। इस कड़ी में 18 जुलाई को सुबह पांच बजे से लेकर रात तक 13 घंटे चली छापेमारी में कई डिजिटल उपकरण, दस्तावेज़, सोना, नगदी और लग्जरी गाड़ियाँ जब्त की गईं।

छांगुर का गिरोह और सहयोगी गिरफ्तार

धर्मांतरण रैकेट का मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर का असली नाम करीमुल्ला शाह है, जो बलरामपुर जिले का निवासी है। इससे पूर्व एटीएस द्वारा उसके बेटे महबूब, सहयोगी नवीन उर्फ जलालुद्दीन और नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया जा चुका है। ये सभी वर्तमान में जेल में हैं। ईडी की 12 टीमों ने यूपी के बलरामपुर जिले के अतरौला स्थित 12 ठिकानों और मुंबई के माहिम व ब्रांदा स्थित 2 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इन ठिकानों से विदेशी चंदे, फर्जी दस्तावेजों और संदिग्ध संपत्तियों से संबंधित अहम सुराग मिले हैं।

शहजाद शेख और लखनऊ के राजेश उपाध्याय भी जांच के घेरे में

छांगुर ने मुंबई के शहजाद शेख उर्फ इलियास शेख के बैंक खाते में एक करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। शेख के माहिम और ब्रांदा स्थित ठिकानों पर भी छापा मारा गया है। इसके साथ ही लखनऊ के चिनहट स्थित सीजीएम बलरामपुर कार्यालय के एक बाबू राजेश उपाध्याय के आवास पर भी छापा मारा गया है। उपाध्याय पर छांगुर को विभागीय मदद देने का संदेह है।

नेपाल से हवाला के जरिए पैसा मंगाने के प्रमाण

सूत्रों के अनुसार छांगुर और उसके गिरोह ने नेपाल के जरिए हवाला नेटवर्क के माध्यम से करोड़ों रुपये भारत में मंगवाए। यह धन कथित तौर पर धर्मांतरण की गतिविधियों में प्रयोग किया गया। जांच एजेंसी के अनुसार कई संदिग्ध लेन-देन नेपाल के नंबरों और खातों से जुड़े पाए गए हैं।

उतरौला में ईडी की 13 घंटे लंबी छानबीन

बृहस्पतिवार सुबह सात बजे से देर रात तक ईडी की टीमें उतरौला में छांगुर के सभी ठिकानों पर जुटी रहीं। इन ठिकानों पर पहले एटीएस भी छानबीन कर चुकी थी, लेकिन अब ईडी को फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े और भी मजबूत सबूत हाथ लगे हैं। कुल 10 ऐसे लोगों से पूछताछ की गई, जो किसी न किसी रूप में छांगुर से जुड़े थे। ईडी ने बलरामपुर के उपनिबंधक कार्यालय से संपत्ति खरीद-फरोख्त के दस्तावेज भी हासिल किए हैं, जिससे यह पता चला कि छांगुर और उसके साथियों ने बैनामे और नकली दस्तावेजों के माध्यम से संपत्तियाँ खरीदी थीं।

रशीद शाह गिरफ्तार, छांगुर गिरोह के अन्य सदस्य भी जांच के घेरे में

एटीएस ने छांगुर के गिरोह के एक और सदस्य रशीद शाह को भी गुरुवार को गिरफ्तार किया। रशीद पर पहले से आजमगढ़ में अवैध धर्मांतरण से संबंधित केस दर्ज है। वह छांगुर के इशारे पर मई 2023 में अपने 17 साथियों के साथ आजमगढ़ के एक गांव में अवैध धर्मांतरण कराने गया था।

मेरठ निवासी बदर अख्तर की कुंडली खंगाल रही एटीएस

गिरोह के एक अन्य सदस्य बदर अख्तर सिद्दीकी, मेरठ के लिसाड़ी गेट क्षेत्र का निवासी है, जो पहले एक युवती को प्रेम जाल में फंसा कर अगवा कर चुका है। उसके खिलाफ पहले से सरूरपुर थाने में केस दर्ज है और पुलिस ने चार्जशीट भी दाखिल कर दी है।

सुरक्षा में रही पुलिस, जांच में कोई ढील नहीं

पूरी कार्रवाई के दौरान ईडी के अधिकारियों के साथ स्थानीय पुलिस की सुरक्षा टीम भी तैनात रही। किसी को बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई। जिन व्यक्तियों से पूछताछ की गई, वे खुद को निर्दोष बताते रहे, लेकिन ईडी को उनके बयानों में असमानता पाई गई। सूत्रों के अनुसार, जांच में आए कई लोग नीतू और नवीन से भी आर्थिक लेन-देन कर चुके हैं और उनके बयानों से गिरोह के फंडिंग नेटवर्क की परतें खुल रही हैं।

एक संगठित षड्यंत्र की तस्वीर उभर रही है

ईडी की कार्रवाई ने इस पूरे धर्मांतरण रैकेट की गहराई और उसके अंतरराष्ट्रीय फंडिंग नेटवर्क को उजागर किया है। दुबई, यूएई और नेपाल से आए करोड़ों रुपये का ट्रैक अब धीरे-धीरे खुल रहा है। यह केस न सिर्फ यूपी बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन गया है। प्रवर्तन निदेशालय अब छांगुर को कस्टडी में लेकर गहन पूछताछ की तैयारी कर रही है। अगले कुछ दिनों में गिरोह से जुड़े और बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।

अधिकारी बोले: "यह केवल शुरुआत है। दस्तावेजों और डिजिटल उपकरणों से जो डाटा मिला है, उससे बड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का संकेत मिल रहा है। बहुत जल्द अन्य आरोपी भी कानून की गिरफ्त में होंगे।"