पाकिस्तान में रह रहे अफगान प्रवासियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्या है इसकी वजह? आइए नज़र डालते हैं।
अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के सत्ता में लौटने के बाद से ही पाकिस्तान (Pakistan) से तनाव बढ़ गया, जो अभी भी खत्म नहीं हुआ है। तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से पाकिस्तान में आतंकवाद में भी इजाफा हुआ है और खास तौर पर अफगानिस्तान से जुड़े हुए प्रांतों में। ऐसे में पाकिस्तान सरकार ने देश में रह रहे अफगान प्रवासियों को देश से निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसके तहत कई लाख अफगान प्रवासियों को अब तक पाकिस्तान से निकाला जा चुका है।
पाकिस्तान में अफ़ग़ान प्रवासियों को ज़बरदस्ती निकाला जा रहा है। पाकिस्तान में अफ़ग़ान प्रवासियों ने बताया कि 31 अगस्त को निर्धारित समय सीमा खत्म होने के बाद पाकिस्तानी सरकार ने अफ़ग़ान प्रवासियों को ज़बरदस्ती निकालने की प्रोसेस को और तेज़ कर दिया है।
खैबर पख्तूनख्वा समेत पाकिस्तान के अलग-अलग प्रांतों में रह रहे में अफ़ग़ान प्रवासियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कई दशकों से पाकिस्तान में रह और व्यापार-नौकरी कर रहे लोगों के लिए सबकुछ छोड़कर जाना बहुत मुश्किल है।
पाकिस्तान में कई अफगान प्रवासियों को गिरफ्तार भी किया जा रहा है और उसके बाद उन्हें देश से निकाला जा रहा है। ऐसे में अफगान प्रवासी इसके खिलाफ अपना विरोध भी प्रदर्शित कर रहे हैं और निर्वासन को सुरक्षित तरीके से करने की अपील कर रहे हैं, पर पाकिस्तान सरकार पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है। कई प्रवासी तो ऐसे हैं जिनके पास सभी कानूनी दस्तावेज भी हैं, लेकिन उन्हें भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।