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पाकिस्तान में 7 महीनों में 121 हत्याएं, 785 लोग गायब! फौज और डेथ स्क्वॉड्स सवालों के घेरे में

Balochistan Enforced Disappearances 2025: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में सात महीनों में 121 हत्याएं और 785 लोगों को जबरन लापता करने के मामले सामने आए हैं।

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Aug 04, 2025
बलूचिस्तान में लोगों के गायब और हत्या होने के खिलाफ आवाज उठाते हुए । (फोटो: IANS )

Balochistan Enforced Disappearances 2025: पाकिस्तान स्थित एक मानवाधिकार संगठन ने सोमवार को बताया कि 2025 की शुरुआत से अब तक बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सुरक्षाबलों और "राज्य-समर्थित डेथ स्क्वॉड्स" (Pakistan death squads) ने 785 लोगों को जबरन गायब (Balochistan disappearances 2025) कर दिया है और 121 लोगों की हत्या कर दी है। बलूच नेशनल मूवमेंट के मानवाधिकार विभाग 'पांक' की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया कि औसतन हर दिन चार लोग जबरन गायब (Baloch human rights crisis) किए जा रहे हैं और एक व्यक्ति की हत्या की जा रही है। इन पीड़ितों में छात्र, पत्रकार और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी शामिल हैं, जिनमें से कई को कराची और इस्लामाबाद (Enforced disappearances Pakistan) जैसे शहरों से अगवा किए गए। रिपोर्ट में बताया गया, "ये कार्रवाइयां सुरक्षा बलों और पाक समर्थित डेथ स्क्वॉड्स की ओर से की गई हैं, जो पूरी तरह दंडमुक्ति के साथ काम कर रहे हैं।''

दिल जान बलूच की हत्या का मामला सामने आया

हाल ही में 2 अगस्त को दिल जान बलूच की हत्या का मामला सामने आया, जिन्हें 22 जुलाई को बलूचिस्तान के केच जिले से जबरन गायब किया गया था। एक अन्य घटना रविवार को सामने आई जब दिसंबर 2024 से लापता इनायत खैर मोहम्मद को भी पाकिस्तान समर्थित डेथ स्क्वॉड ने मार डाला। इसकी ह्यूमन राइट्स काउंसिल ऑफ बलूचिस्तान (एचआरसीबी) ने पुष्टि की।

ये राज्य के हितों के लिए काम करते हैं

एचआरसीबी ने बताया कि ये डेथ स्क्वॉड्स "पूरी तरह से दंडमुक्त" होकर काम कर रहे हैं और ऐसा माना जाता है कि ये बलूचिस्तान में राज्य के हितों के लिए काम करते हैं। एचआरसीबी ने कहा, "यह पैटर्न पहले से दर्ज तरीकों के अनुरूप है, जिनका उद्देश्य बलूचिस्तान में राज्य नीति की आलोचना करने वाली आवाजों को चुप कराना और न्याय प्रणाली व निगरानी तंत्र से बचना है।"

यह बाध्य दायित्वों का उल्लंघन: मानवाधिकार संगठन

मानवाधिकार संगठनों ने कहा कि ये कार्रवाइयां पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संधियों के तहत बाध्य दायित्वों का उल्लंघन है, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय नागरिक और राजनीतिक अधिकारों की संधि के अंतर्गत जीवन का अधिकार, मनमानी गिरफ्तारी से सुरक्षा और जबरन गायब करने व गैर-न्यायिक हत्या पर रोक के प्रावधानों का उल्लंघन है।

इन अत्याचारों पर गंभीरता से ध्यान दें: मानवाधिकार संगठन

मानवाधिकार संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह बलूचिस्तान में हो रहे इन अत्याचारों पर गंभीरता से ध्यान दें और न्याय तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्र और प्रभावी तंत्र स्थापित करें।

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