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बांग्लादेश में यूनुस सरकार पर करप्शन का बड़ा आरोप, खालिदा जिया के करीबी ने खोली पोल, मची खलबली

Bangladesh interim government corruption allegations: बांग्लादेश में अंतरिम यूनुस सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। खालिदा जिया के करीबी ने कहा कि सरकार में बिना सलाहकारों की मंज़ूरी के कोई फैसला नहीं लिया जाता, जिससे देश में सुशासन की स्थिति और खराब हो गई है।

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Aug 09, 2025
खालिदा जिया के निजी सचिव अब्दुस सत्तार ने यूनुस सरकार पर भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।( फोटो: आईएएनएस.)

Bangladesh interim government corruption allegations: बांग्लादेश में सियासत फिर गरमा गई है। बीएनपी (Bangladesh Nationalist Party ) की प्रमुख खालिदा जिया के निजी सचिव ए बी एम अब्दुस सत्तार ने यूनुस सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए उसके कई सलाहकारों पर भारी भ्रष्टाचार के आरोप (Bangladesh interim government corruption allegations) लगाए हैं। सत्तार ने कहा कि देश की वर्तमान यूनुस सरकार में कोई भी बड़ी नियुक्ति या तबादला, इन सलाहकारों की सहमति के बिना संभव नहीं है। उन्होंने दावा किया कि उनके पास कम से कम आठ सलाहकारों के भ्रष्टाचार के ठोस सुबूत मौजूद हैं, लेकिन सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

सेमिनार में लगाए आरोप, खुफिया एजेंसी भी जानती है सच्चाई

उन्होंने यह बयान बीआईएएम ऑडिटोरियम में हुए एक प्रशासनिक सेमिनार के दौरान दिया, जिसमें सत्तार ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि खुफिया एजेंसियों के पास भी इन सलाहकारों की गड़बड़ियों की जानकारी है।

किसी के खाते में 200 करोड़ टका हो तो भी जांच नहीं!

उन्होंने सवाल उठाया – “अगर किसी सलाहकार के निजी सहायक के खाते में 200 करोड़ टका आ जाए, फिर भी क्या कोई जांच नहीं होनी चाहिए?”

अयोग्य लोगों को मंत्रालय, यूनुस चुप क्यों?

सत्तार ने आरोप लगाया कि अनुभवहीन लोगों को अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा, “क्या नुरजहां बेगम स्वास्थ्य मंत्रालय चला सकती हैं? क्या अनुभवहीन सलाहकार को स्थानीय सरकार और खेल मंत्रालय सौंपना ठीक है?” सत्तार ने कहा कि इस सबकी मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस को जानकारी होने के बावजूद वे चुप हैं।

यूनुस सरकार में भ्रष्टाचार और बढ़ा – बीएनपी का दावा

सत्तार का कहना है कि यूनुस के नेतृत्व में भ्रष्टाचार और भी ज्यादा फैल गया है। इससे पहले बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने भी कहा था कि देश में सुशासन गायब हो चुका है और वसूली की दरें कई गुना बढ़ गई हैं।

अवामी लीग का सत्ता से बाहर होना और कट्टरपंथियों की भूमिका

गौरतलब है कि बीएनपी और कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों ने मिलकर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को सत्ता से बेदखल किया था। उनका सत्ता से हटना बांग्लादेश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बड़ा झटका माना गया। अब यही अंतरिम सरकार चरमपंथियों को संरक्षण देने के आरोपों में भी घिर गई है।

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