यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की वजह से पहले ही रूस के कई देशों से संबंध बिगड़ चुके हैं। अब ब्रिटेन और जर्मनी ने रूस पर एक बड़ा आरोप लगाया है। क्या है पूरा मामला? आइए जानते हैं।
रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच पिछले 44 महीने से युद्ध चल रहा है और इसकी वजह से यूक्रेन में अब तक काफी तबाही मच चुकी है। इस युद्ध की वजह से रूस के कई देशों से संबंध बिगड़ चुके हैं। इनमें मुख्य रूप से पश्चिमी देश हैं जो खुले तौर पर यूक्रेन का समर्थन भी कर रहे हैं। इसी बीच अब ब्रिटेन (Britain) और जर्मनी (Germany) ने रूस पर एक बड़ा आरोप लगाया है। यह आरोप अंतरिक्ष से जुड़ा हुआ है।
ब्रिटेन और जर्मनी ने रूस पर अपने उपग्रहों को खतरा पैदा करने का आरोप लगाया है। ब्रिटेन और जर्मनी ने दावा किया है कि रूस के उपग्रह उनके और अन्य सभी पश्चिमी देशों के सैन्य और कमर्शियल उपग्रहों की जासूसी कर रहे हैं। इतना ही नहीं, ब्रिटेन और जर्मनी ने यह भी दावा किया है कि रूसी उपग्रह पश्चिमी देशों के उपग्रहों को बहुत करीब से फॉलो कर रहे हैं, उनका सिग्नल जाम कर रहे हैं और साथ ही कार्यप्रणाली में दखलंदाज़ी भी कर रहे हैं।
जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्तोरियस ने कुछ समय पहले कहा था कि रूस के दो जासूसी उपग्रह जर्मन सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले दो इंटेलसैट उपग्रहों का पीछा कर रहे हैं। ये उपग्रह जर्मनी और उसके सहयोगी देशों के बीच कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल होते हैं। वहीं ब्रिटेन के स्पेस कमांड प्रमुख मेजर जनरल पॉल टेडमैन ने बताया कि रूस हर हफ्ते ग्राउंड-बेस्ड सिस्टम से ब्रिटिश सैन्य उपग्रहों को जाम करने की कोशिश करता है। इतना ही नहीं, रूसी उपग्रह, ब्रिटिश उपग्रहों के बहुत करीब उड़कर खुफिया जानकारी चुराने की भी कोशिश कर रहे हैं। टेडमैन का मानना है कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के बाद से ही रूस ने इस तरह की गतिविधियों को बढ़ा दिया है।