India-Canada Relationship: भारत और कनाडा के संबंधों में सुधार के लिए G7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडाई पीएम मार्क कार्नी, दोनों ने ही जोर दिया। लेकिन क्या अभी भी कनाडा, भारत को खतरा मानता है? आइए इस मामले पर नज़र डालते हैं।
कनाडा (Canada) में G7 शिखर सम्मेलन 2025 का समापन हो चुका है। इस शिखर सम्मेलन में दुनियाभर के कई नेताओं ने हिस्सा लिया, जिनमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) भी थे। कनाडाई पीएम मार्क कार्नी (Mark Carney) के आमंत्रण पर पीएम मोदी ने 51वें G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। पिछले करीब दो साल से भारत और कनाडा के बीच अच्छे संबंध नहीं रहे हैं, लेकिन G7 शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों ने भारत और कनाडा के बीच संबंधों में सुधार के प्रयासों की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। हालांकि मन में एक सवाल आना स्वाभाविक है, कि क्या कनाडा, अभी भी भारत को खतरा मानता है? आइए नज़र डालते हैं।
G7 शिखर सम्मेलन के आखिरी दिन पीएम मोदी के शामिल होने के बाद, कनाडा की खुफिया एजेंसी सीएसआईएस (CSIS) ने चेतावनी दी कि भारत अभी भी कनाडा के लिए विदेशी हस्तक्षेप का खतरा बना हुआ है।
संसद को दी गई अपनी वार्षिक रिपोर्ट में, कनाडाई सुरक्षा खुफिया एजेंसी सीएसआईएस ने भारत के साथ ही चीन, रूस, ईरान और पाकिस्तान को भी विदेशी हस्तक्षेप के तौर पर कनाडा के लिए खतरा बताया। सीएसआईएस का मानना है कि ये सभी देश कनाडा के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर सकते हैं, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा है।
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कनाडा की संसद को दी गई अपनी रिपोर्ट में सीएसआईएस ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का भी ज़िक्र किया है। सीएसआईएस ने बताया कि इस मामले की जांच जारी है। गौरतलब है कि तत्कालीन पीएम जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने इस मामले में कनाडा की संसद में खड़े होकर भारत को निज्जर की हत्या के लिए ज़िम्मेदार ठहराया था और इसी वजह से दोनों देशों के संबंधों में खटास पड़ी थी।
सीएसआईएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम मोदी के हिंदू राष्ट्रवादी एजेंडे में कनाडा स्थित प्रॉक्सी एजेंटों का इस्तेमाल करना शामिल है, जिसके ज़रिए न सिर्फ कनाडा में रहने वाले कनाडाई नागरिकों (खालिस्तानियों) को निशाना बनाया जाता है, बल्कि दक्षिण एशियाई समुदाय और राजनेताओं को प्रभावित भी किया जाता है।
सीएसआईएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की दबाव बनाने रणनीति और लक्ष्यीकरण का कनाडा पर काफी प्रभाव पड़ता है। सीएसआईएस की रिपोर्ट के अनुसार कनाडा को भारत सरकार द्वारा न केवल जातीय, धार्मिक और सांस्कृतिक समुदायों के भीतर, बल्कि कनाडा की राजनीतिक प्रणाली में भी किए जा रहे निरंतर विदेशी हस्तक्षेप के बारे में सतर्क रहना चाहिए।
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